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IPL के 'चंपक' रोबोट डॉग पर विवाद! चंपक मैगजीन ने BCCI पर ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाया

Varta24 Desk
30 April 2025 5:29 PM IST
IPL के चंपक रोबोट डॉग पर विवाद! चंपक मैगजीन ने BCCI पर ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाया
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नई दिल्ली (शुभांगी)। बच्चों की लोकप्रिय कॉमिक पत्रिका चंपक ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। यह विवाद इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में प्रस्तुत किए गए AI रोबोट डॉग को लेकर है, जिसे "चंपक" नाम दिया गया है।

IPL में पहली बार दिखाई दिया 'चंपक' नामक रोबोट डॉग

IPL 2025 में एक नया प्रयोग करते हुए BCCI ने एक AI आधारित रोबोट डॉग कैमरा प्रस्तुत किया है, जिसे दर्शकों के मनोरंजन और प्रसारण अनुभव को बढ़ाने के लिए मैदान में उतारा गया। इस रोबोट का नाम "चंपक" रखा गया है, जिसने कई प्रशंसकों का ध्यान आकर्षित किया और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया।

चंपक पत्रिका का दावा - इस नाम का IPL जैसे व्यावसायिक और लाभकारी मंच पर उपयोग करना उनके अधिकारों का उल्लंघन

याचिका में Delhi Press Patra Prakashan Pvt Ltd, जो चंपक मैगज़ीन का प्रकाशन करती है, ने कहा कि "चंपक" नाम उनके पंजीकृत ट्रेडमार्क का हिस्सा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस नाम का IPL जैसे व्यावसायिक और लाभकारी मंच पर उपयोग करना उनके अधिकारों का उल्लंघन है और इससे उनके ब्रांड की विशिष्ट पहचान को क्षति पहुंच सकती है।

कोर्ट की पूछताछ - व्यावसायिक उपयोग के साक्ष्य कहां हैं?

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने याचिकाकर्ता से यह पूछा कि “चंपक” नाम के प्रयोग में कौन-सा व्यावसायिक तत्व मौजूद है? उन्होंने कहा कि सिर्फ मौखिक आरोपों से अंतरिम रोक नहीं लगाई जा सकती, इसके लिए स्पष्ट तथ्यों और प्रमाणों की आवश्यकता होगी।

BCCI की दलील - 'चंपक' कोई नया नाम नहीं

BCCI की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जे. साई दीपक ने तर्क दिया कि “चंपक” कोई नया या अनूठा शब्द नहीं है। यह एक फूल का नाम है और कई अन्य सन्दर्भों में पहले से उपयोग होता आ रहा है। उन्होंने कहा कि चंपक मैगज़ीन का यह दावा कि यह नाम सिर्फ उनका है, एकतरफा है और इसका परीक्षण केवल ट्रायल के दौरान ही हो सकता है।

कोर्ट की टिप्पणी - धारा 29(4) पर यथोचित दलीलें जरूरी

न्यायालय ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने ट्रेडमार्क अधिनियम की धारा 29(4) के अंतर्गत आवश्यक कानूनी आधार स्पष्ट नहीं किए हैं। यह धारा तब लागू होती है जब एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क को गैर-समान उत्पादों या सेवाओं के लिए बिना अनुमति इस्तेमाल किया जाए, जिससे उसके सम्मान को ठेस पहुंचे।

अगली सुनवाई 9 जुलाई को, BCCI से मांगा जवाब

कोर्ट ने BCCI को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 9 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। फिलहाल, कोर्ट ने कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई है और दोनों पक्षों को उचित दलीलों के साथ आगे आने का अवसर दिया है।

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