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कफ सिरप कांड में सरकार की बड़ी कार्रवाई, 128 फर्मों पर FIR दर्ज; CM योगी के निर्देश पर नशे के कारोबारियों में हड़कंप

उत्तर प्रदेश में नशे के कारोबार को जड़ से समाप्त करने के लिए योगी सरकार एक्शन मोड में आ गई है। प्रदेश में अवैध रूप से बेचे जा रहे कोडीनयुक्त कफ सिरप और नॉरकोटिक दवाओं के खिलाफ सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की टीमों ने लगातार छापेमारी कर अब तक लाखों रुपये की अवैध दवाएं जब्त की हैं। वहीं इस मामले में प्रदेशभर में 128 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जो नशे के नेटवर्क पर सरकार के कड़े रुख का प्रमाण मानी जा रही है। इसके अलावा, दर्जनों नशा आपूर्तिकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
इस कार्रवाई ने अवैध दवाओं के व्यापार में लिप्त गिरोहों में हड़कंप मचा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेलने वालों के खिलाफ किसी भी सूरत में नरमी न बरती जाए। उनके आदेश के बाद FSDA की टीमें प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी कर रही हैं और संदिग्ध प्रतिष्ठानों की जांच की जा रही है।
मेडिकल स्टोरों पर बिक्री पर रोक
आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि अभियान के दौरान दो दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोरों पर कोडीनयुक्त सिरप और नॉरकोटिक श्रेणी की दवाओं की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जांच में ऐसी कई दवाओं के रिकॉर्ड संदिग्ध पाए गए, जिन्हें अब आगे जांच के दायरे में रखा गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि कहीं भी नशा बनाने में प्रयुक्त औषधियों का अवैध भंडारण, बिक्री या परिवहन होता दिखे, तो विभाग के व्हाट्सएप नंबर 8756128434 पर तुरंत सूचना दें।
इन जिलों में हुई सबसे ज्यादा कार्रवाई
अभियान के दौरान दर्ज की गई 128 FIR में सबसे अधिक मामले वाराणसी से सामने आए हैं, जहां अकेले 38 FIR दर्ज की गईं। इसके बाद जौनपुर में 16 और कानपुर नगर में 8 मामले दर्ज हुए। इसी तरह कई जिलों में छापेमारी और कार्रवाई का सिलसिला जारी है। FSDA ने 28 जिलों में अवैध नशे के नेटवर्क पर शिकंजा कसते हुए यह बड़ी संख्या में केस दर्ज किए हैं। लखीमपुर खीरी, लखनऊ, गाजीपुर, प्रयागराज, बहराइच, बिजनौर, सीतापुर, सोनभद्र, बरेली, आजमगढ़, सुल्तानपुर और मीरजापुर सहित कुल 52 FIR अलग-अलग जिलों में दर्ज की गईं।
सरकार का संदेश स्पष्ट
योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि अवैध नशे के कारोबार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई केवल मौजूदा नेटवर्क को तोड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य में नशे की दवाओं के प्रसार पर पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का मानना है कि युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाना राज्य की सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिए अति आवश्यक है, और इसी उद्देश्य के साथ यह अभियान लगातार तेज गति से चलाया जा रहा है।
इस व्यापक अभियान ने न सिर्फ अवैध कारोबारियों में डर पैदा किया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि उत्तर प्रदेश अब नशे के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रहा है।




