
- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- दिल्ली में बढ़ते...
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की बड़ी वजह बना गाज़ीपुर टोल प्लाज़ा, ट्रैफिक जाम से हालात बदतर

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के पीछे सिर्फ उद्योग और पराली जलाना ही कारण नहीं हैं, बल्कि लगातार लगने वाले ट्रैफिक जाम भी इस संकट को और गंभीर बना रहे हैं। गाज़ीपुर टोल प्लाज़ा पर घंटों तक लगने वाला जाम दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का एक बड़ा कारण बन चुका है।
गाज़ीपुर टोल प्लाज़ा पर रोजाना जाम
गाज़ियाबाद से दिल्ली में प्रवेश करते समय एनएच-9 पर गाज़ीपुर के पास जाम की समस्या लगातार गंभीर हो रही है। शाम के समय यह स्थिति और भी बदतर हो जाती है। नगर निगम का टोल प्लाज़ा इस जाम की मुख्य वजह है, जहां व्यावसायिक वाहनों से टोल और ग्रीन टैक्स वसूला जाता है। इस प्रक्रिया के कारण सामान्य वाहन भी लंबी कतारों में फंस जाते हैं।
अधूरी योजना और लापरवाही
नगर निगम ने राजमार्ग के किनारे खाली पड़ी डीडीए की ज़मीन पर टोल प्लाज़ा का विस्तार करने की योजना बनाई थी, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी यह लागू नहीं हो पाई है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है, मगर कोई ठोस हल नहीं निकला है।
मई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ एक्सप्रेसवे (NH-9) का उद्घाटन किया था और उम्मीद जताई गई थी कि गाज़ीपुर टोल प्लाज़ा हट जाएगा। लेकिन पांच साल बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
प्रदूषण और समय की बर्बादी
विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार लगने वाले जाम से ईंधन की बर्बादी, समय की खपत और वायु प्रदूषण बढ़ता है। व्यावसायिक वाहन अक्सर पूरी सड़क घेर लेते हैं, जिससे आम यात्री घंटों जाम में फंस जाते हैं।
समाधान की तलाश
नगर निगम ने गाज़ीपुर के पास लगभग 7,000 वर्ग मीटर ज़मीन का अधिग्रहण कर अतिरिक्त टोल बूथ बनाने की योजना बनाई थी। वर्तमान में केवल दो टोल बूथ काम कर रहे हैं, जो जाम की समस्या को और बढ़ाते हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि नई तकनीक जैसे बिना रुके टोल शुल्क कटने वाली प्रणाली लागू करनी होगी।
विशेषज्ञों की राय
• डॉ. पी.के. सरकार (पूर्व प्रोफेसर, परिवहन योजना, योजना एवं वास्तुकला विद्यालय) का कहना है कि आधुनिक तकनीक अपनाकर टोल प्रबंधन सुधारा जा सकता है।
• बृजपाल सिंह (सड़क परिवहन विशेषज्ञ और पूर्व वरिष्ठ अभियंता, लोक निर्माण विभाग) ने कहा कि जिस कंपनी को टोल संचालन का अनुबंध दिया गया है, वह इस बात के लिए जिम्मेदार है कि टोल के कारण जाम न लगे। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो नगर निगम को कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।