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दिल्ली एयरपोर्ट सर्वर फेलियर: एटीसी गिल्ड का दावा—पहले ही चेताया था सिस्टम फॉल्ट के बारे में

DeskNoida
9 Nov 2025 1:00 AM IST
दिल्ली एयरपोर्ट सर्वर फेलियर: एटीसी गिल्ड का दावा—पहले ही चेताया था सिस्टम फॉल्ट के बारे में
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संगठन ने बताया कि जुलाई में ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को सिस्टम में मौजूद खामियों और उसके अपग्रेडेशन की जरूरत के बारे में जानकारी दी गई थी।

दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई सिस्टम खराबी को लेकर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स (ATC) के संगठन ने बड़ा दावा किया है। एटीसी गिल्ड ऑफ इंडिया का कहना है कि इस तकनीकी गड़बड़ी की संभावना के बारे में पहले ही चेतावनी दी गई थी, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। संगठन ने बताया कि जुलाई में ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को सिस्टम में मौजूद खामियों और उसके अपग्रेडेशन की जरूरत के बारे में जानकारी दी गई थी।

‘एनडीटीवी इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एटीसी गिल्ड ने खुलासा किया कि 8 जुलाई को उन्होंने अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर दुर्घटना के बाद सांसदों को पत्र लिखा था। उस पत्र में यह मांग की गई थी कि एयर नेविगेशन सेवाओं में इस्तेमाल होने वाले ऑटोमेशन सिस्टम की समय-समय पर समीक्षा और अपडेट किया जाना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी तकनीकी समस्याओं से बचा जा सके।

गिल्ड ने कहा कि भारत में इस्तेमाल किए जा रहे एयर नेविगेशन सिस्टम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपडेट किया जाना चाहिए। पत्र में उदाहरण देते हुए कहा गया था कि यूरोप का ‘यूरोकंट्रोल’ और अमेरिका की ‘फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन’ (FAA) जैसी एजेंसियां अपने सिस्टम को लगातार अपग्रेड करती हैं और रीयल-टाइम डेटा शेयरिंग तथा एआई आधारित सुरक्षा फीचर्स से लैस रखती हैं।

एटीसी गिल्ड ऑफ इंडिया के अनुसार, भारत में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स के पास ऐसे अत्याधुनिक टूल्स नहीं हैं जो जोखिम या तकनीकी त्रुटि की तुरंत पहचान कर सकें। उन्होंने बताया कि इन मुद्दों को कई बार AAI के सामने रखा गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल सर्वर में बड़ी तकनीकी खराबी आने से हवाई सेवाएं बाधित हो गईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह समस्या ‘ऑटोमेटेड मैसेज स्विचिंग सिस्टम’ (AMSS) में आई थी, जिसके चलते उड़ानों का संचालन प्रभावित हुआ। करीब 800 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित रहीं—कई रद्द करनी पड़ीं और कई घंटों की देरी से रवाना हुईं। इस घटना का असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी पड़ा।

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