Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ी कार्रवाई: i20 कार मालिक आमिर गिरफ्तार, डॉ. उमर के साथ मिलकर रची थी पूरी साजिश

DeskNoida
16 Nov 2025 10:17 PM IST
दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ी कार्रवाई: i20 कार मालिक आमिर गिरफ्तार, डॉ. उमर के साथ मिलकर रची थी पूरी साजिश
x
एनआईए ने दिल्ली पुलिस से केस अपने हाथ में लेने के बाद कई स्थानों पर छानबीन की और तकनीकी जांच के आधार पर आमिर तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की।

दिल्ली के लाल किला धमाके की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जांच एजेंसी ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी करते हुए i20 कार के मालिक आमिर राशिद अली को राष्ट्रीय राजधानी से गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि धमाके में इस्तेमाल की गई हुंडई i20 कार उसी के नाम पर रजिस्टर्ड थी। एनआईए ने दिल्ली पुलिस से केस अपने हाथ में लेने के बाद कई स्थानों पर छानबीन की और तकनीकी जांच के आधार पर आमिर तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की।

डॉ. उमर के साथ मिलकर रची थी पूरी साजिश

जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार आमिर राशिद अली जम्मू-कश्मीर के पंपोर इलाके का निवासी है। एजेंसी को मिले शुरुआती इनपुट्स के अनुसार, आमिर ने हमलावर डॉ. उमर नबी के साथ मिलकर लाल किला ब्लास्ट की योजना तैयार की थी। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि धमाके में इस्तेमाल की गई i20 कार की खरीद में आमिर ने अहम भूमिका निभाई थी और वह इसके लिए खुद दिल्ली आया था।

ड्राइवर की पहचान डॉ. उमर नबी के रूप में

एनआईए की फोरेंसिक जांच में धमाके के समय कार चला रहा व्यक्ति भी मारा गया था। उसकी पहचान पुलवामा निवासी उमर उन नबी के रूप में हुई है, जो फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत था। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यह ‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल पिछले एक साल से आत्मघाती हमलावर की तलाश में था। इस मॉड्यूल का मुख्य साजिशकर्ता खुद डॉ. उमर नबी ही था।

डॉ. उमर ‘सुसाइड बॉम्बर’ के इस्तेमाल पर देता था जोर

अधिकारियों के अनुसार, डॉ. उमर कट्टरपंथ की ओर झुका हुआ था और वह किसी भी कीमत पर ऑपरेशन में आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल करना चाहता था। श्रीनगर पुलिस ने काजीगुंड से जासिर उर्फ दानिश नाम के युवक को हिरासत में लिया था, जिसने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए। जासिर ने बताया कि उसकी मुलाकात कुलगाम की एक मस्जिद में इस टेरर मॉड्यूल के सदस्यों से हुई थी।

फिदायीन बनाने का प्रयास, लेकिन जासिर ने किया इनकार

पूछताछ में जासिर ने खुलासा किया कि टेरर मॉड्यूल के सदस्य उसे फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी के पास एक किराए के कमरे में ले गए थे। वहां उसे जैश-ए-मोहम्मद का ओवरग्राउंड वर्कर बनाने की कोशिश की गई और डॉ. उमर ने उसका ब्रेनवॉश करने की भी कोशिश की। जासिर के मुताबिक, डॉ. उमर उसे ‘सुसाइड बॉम्बर’ बनाना चाहता था, लेकिन उसने इस्लाम में आत्महत्या हराम होने की वजह से इस रास्ते पर चलने से साफ इनकार कर दिया।

जांच तेज, और गिरफ्तारियों की संभावना

एनआईए इस मॉड्यूल से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में विभिन्न राज्यों में छापेमारी कर रही है। एजेंसी का मानना है कि जल्द ही और बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं, जो इस पूरे नेटवर्क को उजागर करेंगी।

Next Story