Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

Delhi Blast : पाकिस्तान-तुर्की समेत कई देशों में डॉ.शाहीन ने मजबूत कर लिया था अपना नेटवर्क! सार्वजनिक स्थानों पर धमाके करने की थी योजना

Anjali Tyagi
15 Nov 2025 1:57 PM IST
Delhi Blast : पाकिस्तान-तुर्की समेत कई देशों में डॉ.शाहीन ने मजबूत कर लिया था अपना नेटवर्क! सार्वजनिक स्थानों पर धमाके करने की थी योजना
x

लखनऊ। दिल्ली में ब्लास्ट योजना बनाने वाले जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद माड्यूल के प्रमुख सदस्य डॉ. शाहीन के खिलाफ जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दरअसल डॉ. शाहीन का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क उजागर हुआ है। जानकारी के मुताबिक खुलासा हुआ कि डॉ. शाहीन ने पाकिस्तान, मलेशिया, तुर्की, यूएई, मालदीव और बांग्लादेश सहित कई देशों में अपने नेटवर्क को मजबूत कर लिया था। बता दें कि NIA, दिल्ली पुलिस, IBऔर ATS की संयुक्त टीमें लगातार पूछताछ कर रही हैं।

सार्वजनिक स्थानों पर धमाके करने की थी योजना

जानकारी के मुताबिक डॉ. शाहीन फरीदाबाद माड्यूल के अन्य प्रमुख सदस्यों डॉ. आदिल, डॉ. परवेज, डॉ. आरिफ और डॉ. फारुखके संपर्क में थी। इन सभी की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में यह जानकारी मिली कि उनके द्वारा दिल्ली में कई सार्वजनिक स्थानों और धार्मिक स्थलों पर बम धमाके करने की योजना बनाई गई थी।

यूपी में कार्यरत करीब 200 डॉक्टर-स्टूडेंट्स डॉ. शाहीन के संपर्क में थे...

जांच एजेंसियों ने यह खुलासा किया यूपी में कार्यरत करीब 200 डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट्स डॉ. शाहीन के संपर्क में थे। देशभर में ऐसे संदिग्धों की संख्या 1000 से अधिक है। मुख्य जांच में यह सामने आया कि डॉ. शाहीन ने अपने भाई डॉ. परवेज को भी कट्टरपंथ की ओर मोड़ने का प्रयास किया।

डॉ. परवेज बिना इंटरनेट वाले मोबाइल का करता था उपयोग

2021 में डॉ. परवेज मालदीव भी गया था। उसके बाद डॉ. शाहीन ने उसे ‘ब्रेनवॉश’ किया और उसने अपनी पहचान व हुलिया भी बदल लिया। एजेंसियों ने यह भी पाया कि डॉ. परवेज बिना इंटरनेट वाले मोबाइल का उपयोग करता था ताकि उसकी गतिविधियों को ट्रेस न किया जा सके।

वॉट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम चैनल पर सक्रिय था परवेज

जांच में यह भी पता चला है कि परवेज अपने कार्यकाल के दौरान इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में किन लोगों से मिलता था। उसके घर से जब्त मोबाइल और कॉल रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने पहले ही एटीएस को जम्मू-कश्मीर के छात्रों की सूची सौंप दी है, और अब अन्य शिक्षण संस्थानों में भी यह पड़ताल जारी है। परवेज कई वॉट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम चैनल पर सक्रिय था और इन माध्यमों से महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान-प्रदान करता था।

Next Story