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Delhi Blast: 3 बार पाकिस्तान गई थी 'मैडम सर्जन’...फरीदाबाद मॉड्यूल से हो रहा पर्दाफाश! पढ़ें पूरी खबर

नई दिल्ली। दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके को लेकर अब तक कई खुलासे हो चुके हैं, जैसे-जैसे पूरे मामले की गहनता से जांच हो रही है, उसी तरह से लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। बता दें कि इस पूरे मामले में फरीदाबाद मॉड्यूल और अल फलाह यूनिवर्सिटी का नाम सामने आया है। वहीं डॉक्टर शाहीन को लेकर भी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
डॉक्टर शाहीन गई थी थाईलैंड
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर शाहीन साल 2013 में थाईलैंड भी गई थी। वह कानपुर से नौकरी छोड़ने के बाद में थाईलैंड गई थी। डॉक्टर शाहीन के पास जांच एजेंसियों को तीन पासपोर्ट मिला हैं। इनमें एक पासपोर्ट GSVM मेडिकल कॉलेज कानपुर के पते का है।
एजेंसियां जुटी जांच में
जांच के बाद पता चला है कि दूसरा लखनऊ और तीसरे पासपोर्ट में फरीदाबाद का पता दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि तीनों पासपोर्ट में अभिभावक का नाम भी अलग अलग है। एक पासपोर्ट में पिता का नाम दूसरे में पति को तीसरे में भाई के नाम को अभिभावक की जगह दिया गया है। सबसे अंतिम पासपोर्ट में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का पता लिखा है जहां उसका भाई परवेज नौकरी करता था।
शाहीन तीन 3 बार गई है पाकिस्तान
गौरतलब है कि जांच एजेंसियां शाहीन के विदेश यात्रा का डिटेल भी खंगाल रही है। पासपोर्ट की जांच करने के बाद पता चला है कि शाहीन तीन बार पाकिस्तान भी गई है और 6 बार दूसरे देशों की यात्रा कर चुकी है।
6 दिसंबर को बनाया था धमाके का प्लान
शाहीन व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल में एसेट के तौर पर काम कर रही थी। दरअसल ‘D-6 Mission’ के तहत 6 दिसंबर को ब्लास्ट करने की योजना बनाई गई थी। इसके जरिए साल 1992 बाबरी मस्जिद गिराए जाने का बदला लेना चाहते थे।
धार्मिक स्थल और RSS कार्यालय थे निशाने पर
इतना ही नहीं धार्मिक स्थल और RSS कार्यालय भी इनके निशाने पर थे। जानकारी के अनुसार, अब तक केवल 20 लाख रुपए शाहीन, उमर और मुजम्मिल के पास पहुंचने की खबर सामने आई है। ये लोग मिशन के काम में अपनी कमाई लगा रहे थे। शाहीन के बैंक डिटेल्स, ट्रेवल हिस्ट्री, डिजिटल फुटप्रिंट्स, कॉल डिटेल्स और डायरी से कई अहम सबूत एजेंसियों के को मिले हैं।
अल फलाह यूनिवर्सिटी चल सकता है बुलडोजर एक्शन
अल फलाह यूनिवर्सिटी इस ब्लास्ट के बाद से ही चर्चा में आ गया है। यही वजह है कि इस पर बुलडोजर कार्रवाई की जा सकती है। यूनिवर्सिटी में अतिक्रमण को लेकर यह कार्रवाई हो सकती है।




