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दिल्ली पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया, 3 राज्यों से 6 गिरफ्तार

DeskNoida
18 Aug 2025 3:00 AM IST
दिल्ली पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया, 3 राज्यों से 6 गिरफ्तार
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पुलिस के अनुसार आरोपी नए क्रेडिट कार्ड धारकों को निशाना बनाते थे और उन्हें क्रेडिट लिमिट बढ़ाने या पिन जनरेशन में मदद का झांसा देते थे।

दिल्ली पुलिस ने वेस्ट दिल्ली के विकासपुरी इलाके में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जहां से लोगों को निजी बैंक का टेक्निकल सपोर्ट बताकर ठगा जा रहा था। पुलिस ने इस गिरोह के छह सदस्यों को दिल्ली, हरियाणा और तेलंगाना से गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार आरोपी नए क्रेडिट कार्ड धारकों को निशाना बनाते थे और उन्हें क्रेडिट लिमिट बढ़ाने या पिन जनरेशन में मदद का झांसा देते थे। जांच के दौरान पुलिस ने 41 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, राउटर और बैंक ग्राहकों के डाटा से भरी डायरी बरामद की।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विजय कुमार शर्मा (46), मूलचंद मिश्रा (51), अमित (27), प्रदीप साहू (28), गौरव (38) और हेमंत (25) के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक यह गिरोह अब तक 85 लाख रुपये की ठगी कर चुका है और 95 शिकायतें राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज पाई गई हैं।

मामला उस समय सामने आया जब द्वारका निवासी वीरेंद्र कुमार (42) ने शिकायत दी कि उन्हें नया क्रेडिट कार्ड मिलने के बाद पिन जनरेशन के नाम पर कॉल आया। इसके बाद उनके खाते से 2.81 लाख रुपये की अनधिकृत ट्रांजैक्शन हो गई।

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी फर्जी कॉल सेंटर से पीड़ितों को एक APK फाइल डाउनलोड करवाते थे, जिससे उनके मोबाइल का पूरा एक्सेस मिल जाता था। इसके जरिए गिरोह ओटीपी और बैंक डिटेल चुरा कर क्रेडिट कार्ड की लिमिट खत्म कर देता था। ठगे गए पैसों से महंगे मोबाइल फोन ई-कॉमर्स साइट से खरीदे जाते थे और फिर स्थानीय दुकानदारों को सस्ते दामों पर बेच दिए जाते थे।

तकनीकी जांच में कॉल का सोर्स विकासपुरी इलाके से मिला। पुलिस ने छापेमारी कर मास्टरमाइंड विजय शर्मा को गिरफ्तार किया, जो बीकॉम, एलएलबी और तकनीकी शिक्षा प्राप्त है। वह चार महिला टेली-कॉलर्स को हायर करता था और खुद ग्राहकों को मैलवेयर भेजकर फंड्स ट्रांसफर करता था।

वहीं, अमित हैदराबाद से फर्जी सिम और म्यूल बैंक खातों का इंतजाम करता था। प्रदीप हरियाणा से गरीब लोगों के नाम पर सिम कार्ड जुटाता था। मूलचंद कॉल सेंटर का मैनेजर था, जबकि गौरव और हेमंत ऑपरेशन में मददगार की भूमिका निभाते थे।

पुलिस अब गिरोह से जुड़े और पीड़ितों व पैसों की ट्रेल्स की जांच कर रही है।

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