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दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ नई मुहिम, बड़ी कंपनियां आईं आगे; रोड-फ्लाईओवर की जिम्मेदारी निजी हाथों में

DeskNoida
5 Dec 2025 11:20 PM IST
दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ नई मुहिम, बड़ी कंपनियां आईं आगे; रोड-फ्लाईओवर की जिम्मेदारी निजी हाथों में
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इस पहल को प्रदूषण के खिलाफ जंग में एक महत्वपूर्ण रणनीति माना जा रहा है, जिसके तहत अब कॉर्पोरेट सेक्टर भी दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर बनाने के मिशन का हिस्सा बन रहा है।

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। राजधानी की सड़कों और फ्लाईओवरों के रखरखाव, सफाई और सौंदर्यीकरण का काम अब बड़ी निजी कंपनियां करेंगी। सरकार का मानना है कि यदि कॉर्पोरेट सेक्टर इस अभियान में शामिल होगा, तो प्रदूषण पर नियंत्रण और तेजी से किया जा सकेगा। इसी क्रम में लोक निर्माण विभाग ने जीएमआर कंपनी के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत कंपनी आजादपुर मंडी से इंद्रलोक तक की सड़क की देखरेख तीन वर्षों तक करेगी। सड़क की साफ-सफाई, पौधारोपण और सुंदरता बढ़ाने से जुड़े सभी खर्च जीएमआर खुद वहन करेगी। इसके अलावा कंपनी इस मार्ग पर पौधों की सिंचाई के लिए सौर पंप भी लगाएगी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली की कई प्रमुख सड़कों और फ्लाईओवरों को निजी कंपनियों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे न केवल सड़कों की हालत बेहतर होगी, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि चिराग दिल्ली, पंचशील क्लब और आईआईटी फ्लाईओवर की जिम्मेदारी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड को दी गई है। इसी तरह मुनिरका फ्लाईओवर आईजीएल के पास रहेगा, जबकि पंजाबी बाग फ्लाईओवर, आउटर रिंग रोड और राव तुला राम रोड फ्लाईओवर की जिम्मेदारी वेदांता कंपनी ने ली है। नेताजी सुभाष पैलेस फ्लाईओवर का रखरखाव गोदरेज कंपनी करेगी और मुकरबा चौक से मधुबन चौक तक का क्षेत्र एक अन्य कंपनी संभालेगी।

सरकार चाहती है कि प्रदूषण कम करने में समाज के हर वर्ग की भूमिका हो। मुख्यमंत्री ने लोगों से कार पूलिंग करने, लकड़ी और कोयला न जलाने और स्वच्छता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देकर भी प्रदूषण कम करने में योगदान दे सकती हैं। सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो भी प्रदूषण फैलाता पाया जाए, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। राजधानी में कई विभाग मिलकर सफाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान चला रहे हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस मॉडल की सफलता से दिल्ली की हवा में सुधार आएगा और आने वाले समय में इसे अन्य इलाकों में भी लागू किया जा सकेगा।

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