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दिल्ली में महिलाओं और बच्चों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए 53 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय स्थापित होंगे

DeskNoida
24 Sept 2025 3:00 AM IST
दिल्ली में महिलाओं और बच्चों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए 53 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय स्थापित होंगे
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अब दिल्ली में 53 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय स्थापित किए जाएंगे। इन न्यायालयों की स्थापना के लिए भवन, आवश्यक ढांचा, न्यायिक अधिकारी और सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति शीघ्र होने की उम्मीद है।

दिल्ली सरकार ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में शीघ्र न्याय दिलाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब दिल्ली में 53 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय स्थापित किए जाएंगे। इन न्यायालयों की स्थापना के लिए भवन, आवश्यक ढांचा, न्यायिक अधिकारी और सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति शीघ्र होने की उम्मीद है।

वर्तमान स्थिति और आवश्यकता

इस समय दिल्ली में केवल 16 अस्थायी फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय काम कर रहे हैं। दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या और अपराध दर को देखते हुए यह संख्या पर्याप्त नहीं है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, अन्य महानगरों की तुलना में दिल्ली में महिलाओं से संबंधित अपराध सबसे अधिक हैं।

पीड़ित महिलाओं को कई साल तक न्याय नहीं मिल पाता है। हाल ही में उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में महिला सुरक्षा पर गठित टास्क फोर्स की उच्चस्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी। उपराज्यपाल ने महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया।

दिल्ली हाई कोर्ट की सिफारिश

दिल्ली सरकार ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से परामर्श लिया। हाई कोर्ट ने लंबित मामलों और वित्त आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए 37 अतिरिक्त फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय बनाने और अस्थायी न्यायालयों को स्थायी न्यायालय में परिवर्तित करने की सिफारिश की।

53 नए फास्ट ट्रैक न्यायालय

दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट की सिफारिश के आधार पर कुल 53 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय बनाने का निर्णय लिया है। इसमें 37 नए और 16 अस्थायी को स्थायी न्यायालयों में बदला जाएगा। इसके लिए 53 न्यायिक अधिकारियों की भी जल्द नियुक्ति की जाएगी।

मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाया है। उनका कहना है कि यह कदम त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महिला सशक्तिकरण और सुरक्षित भारत के विजन को भी सशक्त करेगा।

न्यायालयों में सुनवाई

इन फास्ट ट्रैक न्यायालयों में पाक्सो अधिनियम, 2012 और दुष्कर्म से जुड़े मामलों की सुनवाई की जाएगी। वर्तमान में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध लगभग 17,000 से अधिक मामले कोर्ट में लंबित हैं।

केंद्र प्रायोजित योजना

केंद्रीय न्याय विभाग ने यौन अपराधों से संबंधित मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए पूरे देश में फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय और विशिष्ट पाक्सो न्यायालय स्थापित करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना लागू की है। इन न्यायालयों में प्रत्येक में एक न्यायिक अधिकारी और सात सदस्य कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।

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