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अमेरिका से 30 साल बाद डिपोर्ट हुई सिख महिला बोलीं – मुझे गोमांस परोसा गया, जो मैं नहीं खा सकती थी

DeskNoida
28 Sept 2025 1:00 AM IST
अमेरिका से 30 साल बाद डिपोर्ट हुई सिख महिला बोलीं – मुझे गोमांस परोसा गया, जो मैं नहीं खा सकती थी
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उन्होंने कहा कि किसी को भी उस तकलीफ से नहीं गुजरना चाहिए, जिससे वह गुजरी हैं। कौर ने यह भी कहा कि उन्हें हिरासत में रहते समय गोमांस खाने को दिया गया, जो वह नहीं खा सकती थीं।

अमेरिका में 30 साल से ज्यादा समय बिताने के बाद हाल ही में भारत डिपोर्ट की गई 73 वर्षीय सिख महिला हरजीत कौर ने अपने दर्दनाक अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि किसी को भी उस तकलीफ से नहीं गुजरना चाहिए, जिससे वह गुजरी हैं। कौर ने यह भी कहा कि उन्हें हिरासत में रहते समय गोमांस खाने को दिया गया, जो वह नहीं खा सकती थीं।

कौर को कैलिफोर्निया में 8 सितंबर को आव्रजन अधिकारियों ने हिरासत में लिया, जब वह नियमित जांच के लिए पहुंची थीं। इसके बाद उन्हें बिना परिवार से मिले भारत भेज दिया गया। उनके परिवार और समुदाय ने इस कदम का विरोध किया और प्रदर्शन भी किए।

अमेरिका में लंबा सफर, फिर डिपोर्ट

हरजीत कौर 1992 में दो बेटों के साथ अकेली मां के रूप में अमेरिका पहुंचीं। उन्होंने शरण के लिए आवेदन किया था, जिसे 2012 में अस्वीकार कर दिया गया। इसके बावजूद वह 13 साल तक हर छह महीने में सैन फ्रांसिस्को स्थित आव्रजन कार्यालय में रिपोर्ट करती रहीं। उनके पास वर्क परमिट, आईडी और लाइसेंस भी था।

पत्रकारों से बात करते हुए कौर ने कहा, “मैं हर छह महीने में रिपोर्ट करने जाती थी, लेकिन इस बार मुझे गिरफ्तार कर लिया गया। परिवार से अलविदा कहने का मौका भी नहीं दिया।”

हिरासत में दर्दनाक अनुभव

उन्होंने बताया कि हिरासत के दौरान उन्हें ठंडे कमरे में रखा गया, जहां वे लेट भी नहीं पा रही थीं। घुटनों की सर्जरी के बावजूद उन्हें हथकड़ी और बेड़ियों में रखा गया। उन्होंने कहा, “मुझे दवाइयां लेने की भी इजाजत नहीं दी गई। मैं शाकाहारी हूं, लेकिन उन्होंने मुझे गोमांस परोसा, जो मैं नहीं खा सकती थी।”

कौर ने कहा कि उन्हें 132 लोगों के साथ निर्वासित किया गया, जिनमें 15 कोलंबियाई नागरिक भी थे। विमान में हालांकि उन्हें हथकड़ी नहीं लगाई गई, लेकिन अन्य को बेड़ियों में बांधा गया था।

ट्रंप को ठहराया जिम्मेदार

कौर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारतीयों के हालिया बड़े पैमाने पर निर्वासन के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “मैं 1992 से अमेरिका में थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा इस तरह की कार्रवाई कभी नहीं देखी। ट्रंप सरकार ने हजारों लोगों को प्रभावित किया है।”

उन्होंने भावुक होकर कहा कि उनका पूरा परिवार—बच्चे और पोते-पोतियां—अमेरिका में ही रहते हैं। “जब मैं उनकी आवाज सुनती हूं तो कुछ बोल नहीं पाती। मैंने उनकी देखभाल की है और अब उनसे दूर कर दिया गया।”

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