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ललितपुर जेल प्रकरण पर डीजी जेल के सख्त तेवर, लापरवाही पर अफसरों-कर्मचारियों पर गिरेगी गाज

ललितपुर जेल में बंदी के पास मोबाइल फोन मिलने के बाद प्रदेश के सभी कारागारों में सख्ती बढ़ा दी गई है। डीजी जेल पीसी मीना ने इस घटना के बाद सख्त रुख अपनाया है और सभी जेल अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने जेल अधिकारियों से कहा कि किसी भी हालत में प्रतिबंधित सामान बंदियों तक नहीं पहुंचना चाहिए।
डीजी ने निर्देश दिए कि जेलों में लगे सीसी कैमरों की तुरंत जांच कराई जाए। जो कैमरे खराब हैं, उन्हें दुरुस्त किया जाए और कंट्रोल रूम से लगातार निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी जेल अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही पाई जाती है, तो उसकी जिम्मेदारी तय कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह भी आदेश दिया कि बंदियों की तलाशी गंभीरता से ली जाए और लॉकिंग-अनलॉकिंग की प्रक्रिया जेल मैनुअल के अनुसार होनी चाहिए।
डीजी मीना ने यह भी कहा कि जेल अधीक्षक नियमित रूप से बंदियों के साथ संवाद करें, उनकी समस्याएं सुनें और उनका समाधान करने का प्रयास करें। उन्होंने सभी जेलों में चल रहे निर्माण कार्यों और सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा की।
गौरतलब है कि हाल ही में ललितपुर जिला जेल में बंद एक बंदी ने बागपत के स्कूल प्रबंधक को फोन कर 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। मामले के खुलासे के बाद प्रशासन ने जब जेल की तलाशी ली, तो बंदी के पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ। इस घटना के बाद जेल अधीक्षक ने बंदी के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज कराया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए डीजी जेल पीसी मीना ने डीआईजी जेल कानपुर से जांच कराई। जांच में लापरवाही सामने आने पर जेलर जीवन सिंह, डिप्टी जेलर प्रिंस बाबू और जेल वार्डर आकाश कुशवाहा को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही, इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
बागपत में दर्ज मुकदमे के बाद जब इस मामले की जानकारी ललितपुर प्रशासन को हुई, तो डीएम और एसपी ने जेल में छापा मारा। तलाशी के दौरान तीन नंबर बैरक में बंद ज्ञानेंद्र उर्फ ढाका के पास से कीपैड फोन बरामद हुआ। पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि जेल में फोन मिलना गंभीर मामला है और इसकी गहराई से जांच की जा रही है।
डीजी जेल ने साफ कहा कि प्रदेश की किसी भी जेल में अब लापरवाही या अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।




