Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

Dhanteras 2025: धनतेरस पर क्यों जलाए जाते हैं 13 दीपक? जानें हर दीपक का महत्व और सही स्थान

Anjali Tyagi
18 Oct 2025 8:00 AM IST
Dhanteras 2025: धनतेरस पर क्यों जलाए जाते हैं 13 दीपक? जानें हर दीपक का महत्व और सही स्थान
x

नई दिल्ली। धनतेरस के दिन 13 दीपक जलाने की परंपरा बहुत प्राचीन है और इसका गहरा धार्मिक महत्व है। यह परंपरा सिर्फ रोशनी करने के लिए नहीं है, बल्कि धन, स्वास्थ्य और सौभाग्य को घर में लाने के लिए भी है। ऐसा माना जाता है कि ये दीपक घर से नकारात्मक शक्तियों को दूर करते हैं और देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर, भगवान धन्वंतरि और यमराज का आशीर्वाद लाते हैं।

हर दीपक का महत्व और सही स्थान

1. पहला दीपक (यम दीपक)- यह सबसे महत्वपूर्ण दीपक है और इसे यमराज के लिए जलाया जाता है, ताकि अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिल सके।

स्थान- इसे घर के बाहर, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके रखा जाता है, क्योंकि दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है।

बत्ती और तेल- इसमें सरसों का तेल और चार बत्तियां होनी चाहिए।

2. दूसरा दीपक (मंदिर में)- यह घर के मंदिर में जलाया जाता है।

स्थान- इसे घर के पूजा घर या मंदिर में रखना चाहिए।

3. तीसरा दीपक (मां लक्ष्मी के लिए)- यह दीपक धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी के लिए जलाया जाता है।

स्थान- इसे पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के सामने रखें।

4. चौथा दीपक (तुलसी के लिए)- यह दीपक तुलसी के पौधे के पास जलाया जाता है, जिसे शुभ और पवित्र माना जाता है।

स्थान- तुलसी के पौधे के पास।

5. पांचवां दीपक (मुख्य द्वार पर)- यह घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर जलाया जाता है, ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सके।

स्थान- घर का मुख्य द्वार।

6. छठा दीपक (पीपल के पेड़ के नीचे)- मान्यता है कि पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से घर में स्वास्थ्य और धन की वृद्धि होती है।

स्थान- पीपल के पेड़ के नीचे।

7. सातवां दीपक (पास के मंदिर में)- यह दीपक पास के किसी मंदिर में जलाया जाता है।

स्थान- किसी मंदिर में।

8. आठवां दीपक (कचरे के पास)- नकारात्मकता को दूर करने के लिए यह दीपक घर के कूड़ेदान के पास जलाया जाता है।

स्थान- घर के कचरे के पास।

9. नवां दीपक (शौचालय के बाहर)- घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोकने के लिए इसे शौचालय के बाहर रखा जाता है।

स्थान- शौचालय के बाहर।

10. दसवां दीपक (खिड़की के पास)- यह दीपक बुरी शक्तियों और बुरी नजर से बचाने के लिए जलाया जाता है।

स्थान- खिड़की के पास।

11. ग्यारहवां दीपक (छत पर)- घर की छत पर दीपक रखने से सुख, आनंद और सकारात्मकता आती है।

स्थान- घर की छत पर।

12. बारहवां दीपक (बेल के पेड़ के नीचे)- बेल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से धन और समृद्धि आती है।

स्थान- बेल के पेड़ के नीचे।

13. तेरहवां दीपक (चौराहे पर)- अंतिम दीपक चौराहे पर रखा जाता है, जिससे घर में सौभाग्य आता है।

स्थान- चौराहे पर।

क्यों जलाए जाते है 13 दीपक

धनतेरस पर 13 दीपक जलाने की परंपरा के पीछे कई पौराणिक मान्यताएं और कारण हैं:

अकाल मृत्यु से बचाव- यमराज के लिए दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और परिवार के सदस्यों की लंबी आयु होती है।

समृद्धि और स्वास्थ्य- भगवान धन्वंतरि, कुबेर देव और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दीपक जलाए जाते हैं, जिससे स्वास्थ्य और समृद्धि आती है।

नकारात्मकता का नाश- घर में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

दीपोत्सव की शुरुआत- धनतेरस से ही पांच दिवसीय दीपावली उत्सव का आरंभ होता है, और 13 दीपक इस उत्सव का एक शुभ हिस्सा हैं।

Next Story