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Diljit Dosanjh: दिलजीत ने दिया भावुक बयान, कलाकार के जिंदा होने पर..., लेकिन मरने के बाद मिलता है उन्हें सम्मान

Aryan
4 Dec 2025 5:50 PM IST
Diljit Dosanjh: दिलजीत ने दिया भावुक बयान, कलाकार के जिंदा होने पर..., लेकिन मरने के बाद मिलता है उन्हें सम्मान
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दिलजीत ने कहा कि एक कलाकार को अपने जीवन भर के संघर्ष के दौरान वह सम्मान नहीं मिलता, जिसका वह हकदार होता है।

मुंबई। अभिनेता-गायक दिलजीत दोसांझ ने हाल ही में कलाकारों को मिलने वाले सम्मान को लेकर भावुक बयान दिया है। दरअसल उन्होंने अपनी फिल्म 'अमर सिंह चमकीला' को लेकर ऐसी बात की, जिसके लिए उन्हें इंटरनेशनल एमी अवॉर्ड्स में नॉमिनेशन मिला था। दिलजीत दोसांझ ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया है, उन्होंने कहा कि एक कलाकार को सफल बनने के लिए क्या कुछ झेलना पड़ता है।

जीवन भर के संघर्ष के दौरान सम्मान नहीं मिलता है

दिलजीत ने कहा कि एक कलाकार को अपने जीवन भर के संघर्ष के दौरान वह सम्मान नहीं मिलता, जिसका वह हकदार होता है। उन्होंने इस बात पर दुःख जताते हुए कहा कि कलाकारों को अक्सर उनकी मृत्यु के बाद ही सच्चा सम्मान और पहचान मिलती है। यह बयान उन्होंने दिवंगत पंजाबी लोकगायक अमर सिंह चमकीला की कहानी को सामने लाने के लिए दिया, जिनकी 27 वर्ष की उम्र में हत्या कर दी गई थी। उनके मुताबिक कलाकारों के जीवन में कठिनाइयों के दौर के बाद सराहना मिलती है।

कलाकार के जिंदा होने पर उसे किया जाता है परेशान

साल 2024 में दिलजीत दोसांझ की फिल्म 'चमकीला' आई थी, जो कि पंजाबी लोकगायक अमर सिंह चमकीला की जिंदगी पर आधारित थी। फिल्म को कई कैटगिरी में नॉमिननेट किया गया, लेकिन फिल्म एक भी अवॉर्ड अपने नाम नहीं कर पाई। अब दिलजीत ने नेटफ्लिक्स के साथ मिलकर एक वीडियो रिलीज किया है, जिसमें उन्होंने फिल्म और एक आर्टिस्ट के संघर्ष के बारे में बात की है। उनका कहना है कि जब तक कलाकार जिंदा होता है, तब तक उसे परेशान किया जाता है, लेकिन मरने के बाद उन्हें सम्मान मिलता है।

मरने के बाद ही महान बनते हैं कलाकार

दिलजीत दोसांझ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा किया है, उन्होंने कहा कि एक कलाकार को सफल बनने के लिए क्या कुछ झेलना पड़ता है। वो कहते हैं, कि एक कलाकार को अपनी जिंदगी में हर तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और जब तक वो मर नहीं जाता, तब तक लोग उसे महान नहीं कहते हैं और अपना प्यार भी नहीं देते। जब वे मर जाते हैं या चमकीला की तरह मार दिए जाते हैं, तभी उन कलाकारों को 'महान' कहा जाता है या लोगों का प्यार मिलता है। उसके बाद ही उनके काम की सराहना की जाती है क्योंकि एक तो वो जिंदा नहीं है, दूसरा आपका कॉम्पीटिशन नहीं है। तीसरा मरे हुए इंसान को सम्मान देना इंसानों का स्वभाव है।

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