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महाराष्ट्र में 'हिंदी भाषा' पर फिर तकरार! CM फडणवीस बोले-भारतीय भाषाएं अंग्रेजी से कहीं बेहतर, राज ठाकरे को दिया जबाव

Anjali Tyagi
18 Jun 2025 4:37 PM IST
महाराष्ट्र में हिंदी भाषा पर फिर तकरार! CM फडणवीस बोले-भारतीय भाषाएं अंग्रेजी से कहीं बेहतर, राज ठाकरे को दिया जबाव
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अपनी क्षेत्रीय भाषा सीखते समय अगर कोई छात्र एक अतिरिक्त भाषा सीखता है, तो इसमें क्या गलत है?

मुंबई। महाराष्ट्र में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ रहा है। जिसके चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि हम सब लोग अंग्रेजी की प्रशंसा करते हैं और भारतीय भाषाओं का तिरस्कार करते हैं, ये सही नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्षेत्रीय भाषा के साथ अतिरिक्त भाषा सीखने में क्या गलत है?

क्या बोले सीएम देवेंद्र फडणवीस

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''मैंने राज ठाकरे से बात की है। उन्होंने कहा कि केवल दो भाषाएं होनी चाहिए और तीसरी भाषा न थोपें। मैंने उनसे कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उचित विचार-विमर्श के साथ पूरे देश में 3 भाषा नीति लाई है।" अगर कोई छात्र एक अतिरिक्त भाषा सीखता है, तो इसमें क्या गलत है... उन्होंने आगे कहा, ''एनईपी पूरे देश के लिए है और महाराष्ट्र दो भाषा नीति नहीं अपना सकता।

तमिलनाडु 3 भाषा नीति के खिलाफ अदालत गया था, जिसे अदालत ने भी स्वीकार नहीं किया। अपनी क्षेत्रीय भाषा सीखते समय अगर कोई छात्र एक अतिरिक्त भाषा सीखता है, तो इसमें क्या गलत है? अपनी क्षेत्रीय भाषा सीखते समय अगर कोई छात्र एक अतिरिक्त भाषा सीखता है, तो इसमें क्या गलत है? अतिरिक्त भाषा उनके ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगी। विशेषज्ञों के साथ व्यापक चर्चा के बाद एनईपी लाया गया था।''

भारतीय भाषाएं अंग्रेजी से कहीं बेहतर...

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने ये भी कहा, ''हमने नई जीआर में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी भाषा को अनिवार्य करने की शर्त को हटा दिया है। अब आप किसी भी भारतीय भाषा को तीसरी भाषा के रूप में चुन सकेंगे। 3 भाषा नीति एनईपी के अनुसार है। यदि किसी विशेष भारतीय भाषा को सीखने के लिए लगभग 20 छात्र उपलब्ध हैं, तो शिक्षक उपलब्ध कराया जाएगा या इसे ऑनलाइन भी पढ़ाया जा सकता है। मैं केवल एक बात कहना चाहता हूं कि हम सभी अंग्रेजी भाषा की प्रशंसा करते हैं और भारतीय भाषाओं का अनादर करते हैं, यह सही नहीं है। भारतीय भाषाएं अंग्रेजी से कहीं बेहतर हैं।

हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है- राज ठाकरे

हिंदी पर हमला करते हुए राज ठाकरे ने कहा, 'सवाल हिंदी भाषा थोपने का है ही नहीं, क्योंकि यह कोई "राष्ट्रभाषा" नहीं है। वह तो उत्तर भारत के कुछ राज्यों में बोली जाने वाली एक क्षेत्रीय भाषा है। यह जहां कहीं भी बोली जाती है, वहां भी अनेक स्थानीय भाषाएं हैं, जो अब हिंदी भाषा के दबाव में आकर लुप्त होने की कगार पर आ गई हैं। अब उन्हें अपनी स्थानीय भाषाएं बचानी हैं या नहीं, यह फैसला उनका है, हमें उससे कुछ भी लेना-देना नहीं है।'

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