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क्या पैर पर पैर रखकर सोने से घटती है आयु? जानिए इसके पीछे का धार्मिक सच?

Anjali Tyagi
14 Nov 2025 8:00 AM IST
क्या पैर पर पैर रखकर सोने से घटती है आयु? जानिए इसके पीछे का धार्मिक सच?
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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कई ऐसी मान्यताए, नियम और आदतें हैं जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है। इन्हीं में से एक आदत पैर के ऊपर पैर रखकर सोने या बैठने की है। शास्त्रों में इस आदत को खराब माना जाता है। जाने इसके पीछे का धार्मिक कारण क्या है?

धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण

ऊर्जा का प्रवाह: धार्मिक मान्यताओं (विशेषकर ध्यान और योग में) में पैरों को मोड़कर या क्रॉस करके बैठना (जैसे सुखासन या पद्मासन) ऊर्जा को शरीर के भीतर केंद्रित करने और उसे उच्च चक्रों की ओर ले जाने का प्रतीक माना जाता है।

अशुभ मुद्रा (बैठते समय): सामान्य सामाजिक व्यवहार में, पैर पर पैर रखकर बैठना (खासकर जब पैर किसी पवित्र वस्तु या व्यक्ति की ओर इशारा कर रहे हों) असम्मानजनक माना जाता है। कुछ पुराणों में, जैसे कि विष्णु पुराण, अच्छे आचरण के तहत "पैर से पैर को न दबाने" (pādaṁ pādena nākramet) का निर्देश है, जिसे शाब्दिक रूप से लिया जाता है।

सोने के बारे में: सोने की स्थिति के बारे में मुख्य रूप से दिशाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है (जैसे सिर दक्षिण या पूर्व की ओर करके सोना शुभ माना जाता है, जबकि उत्तर की ओर सिर करके सोना अशुभ है, क्योंकि यह दिशा मृत्यु के देवता यम से जुड़ी है)। पैर क्रॉस करके सोने के बारे में सीधे तौर पर आयु घटने का उल्लेख नहीं है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक रूप से, पैर पर पैर रखकर सोने से आयु नहीं घटती है, लेकिन इसके कुछ संभावित स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं, खासकर यदि यह लंबे समय तक किया जाए:

रक्त परिसंचरण: पैर क्रॉस करके सोने से निचले अंगों में रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है, जिससे सुन्नता या झुनझुनी हो सकती है।

पीठ और रीढ़ की हड्डी: लंबे समय तक इस स्थिति में सोने से कूल्हों और पेल्विस पर दबाव पड़ता है, जिससे रीढ़ की हड्डी में मामूली असंतुलन हो सकता है और पीठ के निचले हिस्से में दर्द या अकड़न हो सकती है।

रक्तचाप: पैर क्रॉस करके बैठने या लेटने से रक्तचाप थोड़ा बढ़ सकता है, हालांकि यह आमतौर पर क्षणिक होता है।

पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान कृष्ण के पैर में एक मणि का आभूषण था, जो सदैव चमकता ही रहता था। एक दिन भगवान श्रीकृष्ण पैर के ऊपर पैर चढ़ाकर त्रिभंगी मुद्रा में विश्राम कर रहे थे। उसी दौरान एक बहेलिए ने मणि को हिरण का आंख समझ लिया और तीर चल दी, जो श्रीकृष्ण के पैर में जा लगी। मान्यताओं के मुताबिक इस तीर के लगने से श्रीकृष्ण बैकुंठ धाम को प्रस्थान कर गए। इसके बाद से यह बात सामाजिक मान्यताओं में फैलती चली गई कि पैर के ऊपर पैर चढ़ाकर सोने से आयु घटती है। इसलिए घर के बड़े बुजुर्ग भी पैर पर पैर रखकर सोने से मना करते हैं।

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