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कानपुर टाउनशिप में कुत्तों पर बर्बरता: बोरे में ठूंसकर ले जाए गए कुत्ते, एफआईआर दर्ज

शहर के जाजमऊ इलाके की एक प्रीमियम टाउनशिप एमराल्ड गुलिस्तां से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां बीते 10 दिनों के भीतर रिकॉर्ड किए गए कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें कथित तौर पर कुछ लोग आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी पिटाई करते और उन्हें बोरों में भरकर ले जाते दिख रहे हैं।
करीब 200 फ्लैट, 90 बंगले और 100 विला वाले इस रिहायशी इलाके में हुई इस घटना ने पशु प्रेमियों और सामाजिक संगठनों में आक्रोश फैला दिया है। आरोप है कि इस प्रक्रिया में कई कुत्तों की मौत भी हो चुकी है।
शिकायत और एफआईआर
‘ए फेथफुल हैंड’ नामक एनजीओ के संयोजक विद्या भूषण तिवारी ने इन वीडियो को आधार बनाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसी आधार पर पुलिस ने छह अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
तिवारी ने बताया कि स्थानीय निवासियों ने इन कथित कैचर्स को नगर निगम की टीम समझा था। बाद में खुलासा हुआ कि इन्हें ₹500 से ₹2000 प्रति कुत्ता पकड़ने का भुगतान किया गया था।
पुलिस की कार्रवाई
एडीसीपी राजेश पांडेय ने कहा कि पुलिस ने मामला पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (Prevention of Cruelty to Animals Act) के तहत दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज और वाहनों के नंबर से की जा रही है। जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
वीडियो से खुला मामला
एनजीओ की सदस्य सोनल गुप्ता ने बताया कि एक वीडियो में कुत्ते बेहोश पड़े दिखाई देते हैं, जबकि दूसरे वीडियो में उन्हें बोरे में भरते देखा जा सकता है। तीसरे वीडियो में आरोपी एक-दूसरे से पूछते सुनाई दे रहे हैं कि “कितने पैक हुए?”
उन्होंने आरोप लगाया कि कम से कम 10 कुत्तों की मौत हो चुकी है और शवों को गंगा किनारे या दूर-दराज के इलाकों में फेंक दिया गया।
नगर निगम का पक्ष
कानपुर नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आर.के. निरंजन ने इस घटना में निगम की किसी भी तरह की संलिप्तता से इंकार किया। उन्होंने कहा कि,
“नगर निगम केवल नसबंदी और टीकाकरण का काम करता है। कुत्तों को नुकसान पहुंचाने या मारने का कोई आदेश नहीं है। वीडियो में दिखे लोग आपराधिक गतिविधि में शामिल प्रतीत होते हैं।”