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पूर्वोत्तर भारत में भूकंप, असम के उदलगुरी में रहा केंद्र, रिक्टर पैमाने पर 5.8 रही तीव्रता

DeskNoida
14 Sept 2025 9:36 PM IST
पूर्वोत्तर भारत में भूकंप, असम के उदलगुरी में रहा केंद्र, रिक्टर पैमाने पर 5.8 रही तीव्रता
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भूकंप का केंद्र असम के उदलगुरी जिले में था, जो सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित है।

पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में रविवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई। भूकंप का केंद्र असम के उदलगुरी जिले में था, जो सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित है। अधिकारियों के अनुसार यह झटका शाम 4 बजकर 41 मिनट पर आया और इसकी गहराई लगभग 5 किलोमीटर थी।

भूकंप इतना तीव्र था कि इसके असर से बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, भूटान और दक्षिण चीन तक लोग दहशत में आ गए। कई जगहों पर लोग अचानक अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि झटके कुछ सेकंड तक महसूस किए गए। फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।

दिन में आया भूकंप, लोग घबराकर निकले बाहर

रविवार दोपहर होने के कारण अधिकांश लोग घरों में ही थे। जैसे ही धरती हिली, लोग डर के कारण तुरंत बाहर निकल आए। कई स्थानों पर परिवार और दफ्तरों के कर्मचारी खुले मैदानों की ओर भागे।

हाल के दिनों में लगातार आ रहे झटके

यह पहला मौका नहीं है जब असम और पूर्वोत्तर इलाके में धरती हिली हो। बीते हफ्ते ही असम के शोणितपुर जिले में 3.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। इसके अलावा, इस साल की शुरुआत में तिब्बत और फरवरी में बंगाल की खाड़ी में आए भूकंप से उत्तर बंगाल, सिक्किम, असम और तटीय ओडिशा-पश्चिम बंगाल प्रभावित हुए थे। मार्च में म्यांमार में आया भूकंप कोलकाता तक महसूस किया गया था।

क्यों आते हैं भूकंप?

पृथ्वी की सतह सात बड़ी प्लेटों पर टिकी है, जो लगातार गतिशील रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं तो उस स्थान को फॉल्ट लाइन कहा जाता है। बार-बार टकराने से दबाव बढ़ता है और जब यह दबाव असहनीय हो जाता है, तो प्लेटें टूटने लगती हैं। इस प्रक्रिया में भीतर की ऊर्जा बाहर निकलती है और धरती हिलती है, जिसे हम भूकंप कहते हैं।

भूकंप का केंद्र और तीव्रता

भूकंप का "केंद्र" वह स्थान होता है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से ऊर्जा निकलती है। इस केंद्र के नजदीक झटके सबसे ज्यादा महसूस किए जाते हैं। दूरी बढ़ने पर प्रभाव घटता है। यदि रिक्टर पैमाने पर 7 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है, तो 40 किलोमीटर तक का इलाका गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है।

भूकंप मापने का पैमाना

भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। इस पैमाने पर भूकंप की शक्ति 1 से 9 तक दर्ज की जाती है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकलने वाली ऊर्जा को इसी पैमाने पर मापा जाता है, जिससे यह अंदाजा लगाया जाता है कि झटके कितने खतरनाक हो सकते हैं।

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