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पूरे देश में चुनाव आयोग कराएगा विशेष गहन पुनरीक्षण, 15 करोड़ से ज्यादा नाम कटने की संभावना

DeskNoida
21 Sept 2025 10:42 PM IST
पूरे देश में चुनाव आयोग कराएगा विशेष गहन पुनरीक्षण, 15 करोड़ से ज्यादा नाम कटने की संभावना
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आयोग ने राज्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) को 30 सितंबर तक तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि अक्टूबर-नवंबर की शुरुआत से यह प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी।

चुनाव आयोग ने पूरे देश में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) कराने की तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने राज्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) को 30 सितंबर तक तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि अक्टूबर-नवंबर की शुरुआत से यह प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जन्म स्थान की जांच कर अवैध विदेशी प्रवासियों को मतदाता सूची से बाहर करना है। यह कदम बांग्लादेश और म्यांमार सहित कई राज्यों में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई की पृष्ठभूमि में अहम माना जा रहा है।

पिछला एसआइआर होगा आधार

अधिकारियों के मुताबिक, राज्य चुनाव अधिकारियों को अपने-अपने राज्यों में हुए पिछले एसआइआर के आधार पर मतदाता सूचियां तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। उदाहरण के लिए, बिहार में 2003 की मतदाता सूची को कट-ऑफ के रूप में लिया गया है। अधिकांश राज्यों में पिछला एसआइआर 2002 से 2004 के बीच हुआ था। दिल्ली में आखिरी बार 2008 और उत्तराखंड में 2006 में गहन पुनरीक्षण हुआ था, जिनकी सूचियां अब भी संबंधित वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं।

15 करोड़ से अधिक नाम कट सकते हैं

बिहार में चल रहे पुनरीक्षण के दौरान अब तक करीब 65 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। इनमें मृतक मतदाता, दोहरे पहचान पत्र वाले और स्थानांतरित मतदाताओं के साथ-साथ बांग्लादेश और नेपाल से आए विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

इसी अनुभव के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि पूरे देश में एसआइआर हुआ, तो लगभग 15 करोड़ से अधिक नाम सूची से हट सकते हैं।

मतदान प्रतिशत में आएगा उछाल

विशेषज्ञों का कहना है कि मतदाता सूचियों की गड़बड़ियां खत्म होने से मतदान प्रतिशत में लगभग 10 प्रतिशत का उछाल आ सकता है।

उदाहरण के तौर पर, 2024 के आम चुनाव में 100 करोड़ मतदाताओं में से 66 प्रतिशत मतदान हुआ था। यदि मतदाताओं की संख्या 85 करोड़ रह जाती, तो मतदान प्रतिशत बढ़कर करीब 77 प्रतिशत हो जाता।

एसआइआर से न सिर्फ फर्जी और अवैध मतदाताओं को हटाया जाएगा, बल्कि लोकतंत्र में वास्तविक और सटीक मतदान आंकड़ा भी सामने आएगा।

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