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फडणवीस सरकार ने तीन-भाषा नीति के आदेश वापस लिए

DeskNoida
30 Jun 2025 1:00 AM IST
फडणवीस सरकार ने तीन-भाषा नीति के आदेश वापस लिए
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घोषणा के बाद राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने पांच जुलाई को प्रस्तावित विरोध मार्च रद्द कर दिया। हालांकि उद्धव ठाकरे ने कहा कि पांच जुलाई को मराठी एकजुटता का जश्न मनाया जाएगा।

महाराष्ट्र में कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों में हिंदी को शामिल करने के फैसले का विरोध बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने रविवार को तीन-भाषा नीति पर जारी दोनों सरकारी आदेश रद्द करने का निर्णय लिया।

घोषणा के बाद राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने पांच जुलाई को प्रस्तावित विरोध मार्च रद्द कर दिया। हालांकि उद्धव ठाकरे ने कहा कि पांच जुलाई को मराठी एकजुटता का जश्न मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अप्रैल और जून में जारी आदेश वापस ले लिए गए हैं। साथ ही, नई भाषा नीति पर सुझाव देने के लिए शिक्षाविद नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी।

राज ठाकरे ने सवाल उठाया कि सरकार हिंदी लागू करने पर इतनी अड़ी क्यों थी और किसके दबाव में थी। उन्होंने चेतावनी दी कि जाधव समिति की सिफारिशों से दोबारा भ्रम फैलाने की कोशिश हुई तो उसे काम नहीं करने दिया जाएगा।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मराठी लोगों की एकता के कारण ही सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मराठी समाज में फूट डालना चाहती थी, लेकिन इसमें सफल नहीं हुई।

फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री रहते डॉक्टर रघुनाथ माशेलकर समिति की सिफारिशें स्वीकार की गई थीं। उद्धव ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ एक अध्ययन समूह बनाया था, जिसने एक भी बैठक नहीं की।

राज्य सरकार ने 16 अप्रैल को एक आदेश जारी कर हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने की घोषणा की थी। इसके विरोध के बाद 17 जून को संशोधित आदेश में हिंदी को वैकल्पिक भाषा कर दिया गया।

महाराष्ट्र के मंत्री अशोक उईके ने हिंदी थोपने का खुलकर विरोध किया। उनकी तस्वीरें और बयान एमएनएस ने अपने पोस्टरों पर लगाए। उईके ने कहा था कि वे सिर्फ मराठी बोलेंगे क्योंकि यह उनकी मां ने उन्हें सिखाया।

घोषणा से कुछ घंटे पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा था कि सरकार कोशिश कर रही है कि पांच जुलाई का मार्च न करना पड़े। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार में किसी ने साहस दिखाया कि सब लोग गुलाम नहीं बने हैं।

कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार झूठा प्रचार कर रही है और हिंदी थोपने की कोशिश में मराठी अस्मिता को कमजोर कर रही है। उन्होंने दावा किया कि पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तीन-भाषा फॉर्मूला नहीं अपनाया था।

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