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देश में अधिकारों के लिए लड़ना बनता जा रहा देशद्रोह: दशहरा रैली में बरसे उद्धव ठाकरे

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दशहरा रैली के मंच से भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में अब अधिकारों और न्याय के लिए आवाज उठाना ही देशद्रोह माना जा रहा है। यह टिप्पणी उन्होंने लद्दाख में हुई हिंसा और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के मुद्दे पर की।
ठाकरे ने भाजपा की तुलना अमीबा से करते हुए कहा कि जैसे अमीबा शरीर में प्रवेश करने पर दर्द देता है, वैसे ही भाजपा समाज में प्रवेश करने पर शांति भंग करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई निकाय चुनावों से पहले भाजपा हिंदू-मुस्लिमों के बीच फूट डालने की साजिश रच रही है।
वांगचुक की गिरफ्तारी पर निशाना
उद्धव ठाकरे ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा, “देश में अधिकारों और न्याय के लिए लड़ना अब देशद्रोह माना जा रहा है।” गौरतलब है कि 24 सितंबर को लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें चार लोगों की मौत और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके बाद वांगचुक को 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया और उन्हें राजस्थान के जोधपुर जेल में भेजा गया।
किसानों की समस्याओं पर सवाल
ठाकरे ने महाराष्ट्र में बाढ़ और बारिश से प्रभावित किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्हें कर्ज माफी और ₹50,000 प्रति हेक्टेयर सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा के पास बिहार में वोट खरीदने के लिए पैसा है, लेकिन महाराष्ट्र के किसानों के लिए राहत देने का बजट नहीं है।
आरएसएस और भाजपा पर वार
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर सवाल दागते हुए पूछा, “क्या आप संघ के 100 साल के प्रयास से पैदा हुए जहरीले फल (भाजपा का जिक्र करते हुए) से संतुष्ट हैं?”
मनसे संग गठबंधन और बीएमसी चुनाव
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ गठबंधन पर कहा कि “हम सत्ता के लिए नहीं बल्कि साथ रहने के लिए साथ आए हैं।” उन्होंने दावा किया कि बीएमसी चुनाव जीतने के बाद शिवसेना (यूबीटी) भाजपा की कथित लूट पर एक श्वेत पत्र (White Paper) पेश करेगी।