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पहले तो हम सनातनी हैं, मुस्लिम बाद में...दो मुस्लिम भाइयों को जागी शिव के प्रति आस्था, 151 किलो गंगाजल की कांवड़ लेकर गंतव्य को निकले

Shilpi Narayan
11 July 2025 12:59 PM IST
पहले तो हम सनातनी हैं, मुस्लिम बाद में...दो मुस्लिम भाइयों को जागी शिव के प्रति आस्था, 151 किलो गंगाजल की कांवड़ लेकर गंतव्य को निकले
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दोनों का कहना है कि उनके माता और पिता की इच्छा थी कि कांवड़ लेकर आएं और भगवान शिव का अभिषेक करें।

आगरा। आज से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है। वहीं भगवान भोले के प्रति आस्था में लोग कांवड़ यात्रा के लिए खुद को रोक नहीं पाते हैं। कहा जाता है जब इश्वर के प्रति आस्था हो तो इंसान जाति और धर्म नहीं देखता है। इस बीच एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां दो मुस्लिम भाइयों की भगवान भोले के प्रति आस्था जागी और वो खुद को कांवड़ ले जाने से रोक नहीं पाए।

शिव बहुत दयालु हैं

बता दें कि दो मुस्लिम भाइयों अपने जत्थे के साथ गंगा घाट पर पहुंचे और भागीरथ बनकर 151 किलो गंगा जल की कांवड़ लेकर गंतव्य को निकल पड़े। वहीं दोनों का कहना है कि उनके माता और पिता की इच्छा थी कि कांवड़ लेकर आएं और भगवान शिव का अभिषेक करें। शिव बहुत दयालु हैं, हमने सुन रखा है। हम सनातनी पहले मुस्लिम बाद में हैं।

मुस्लिम भाई 151 किलो की कांवड़ लेकर बटेश्वर जा रहे हैं

आगरा जिले के थाना बाह क्षेत्र के गांव कृषा के रहने वाले 25 वर्षीय साजिद खान और उनके छोटे भाई 22 वर्षीय सनी खान 151 किलो की कांवड़ लेकर बटेश्वर जा रहे हैं। वे वहां 14 जुलाई को भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। वहीं दोनों भाई कांवड़ यात्रा पर पहली बार आए हैं, लेकिन बहुत उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अपने गांव के तमाम लोगों को कई वर्षों से कांवड़ ले जाते हुए देख रहे थे। भगवान शिव की महिमा के बारे में सुन रखा है।

10 सदस्यीय जत्थे के साथ सोरों के लहरा घाट पर आ गए

वहीं उन्होंने आगे बताया कि इस बार अपने माता-पिता के सामने इच्छा रखी की कि हम भी कांवड़ लेकर आएंगे, तो वे तैयार हो गए और इसके बाद अपने 10 सदस्यीय जत्थे के साथ सोरों के लहरा घाट पर आ गए, जहां से कांवड़ यात्रा शुरू कर दी। हालांकि उनका कहना है कि थोड़ा ब्रेक लेकर चलना पड़ता है क्योंकि 151 किलो का वजन बहुत होता है, लेकिन गंतव्य तक पहुंचेंगे और भोले भंडारी का गंगाजल से अभिषेक करेंगे।

जमीन पर कांवड़ नहीं रखेंगे

दरअसल, उन्होंने आगे कहा कि पुरोहितजी ने पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना के साथ हमें गंगा घाट से विदा किया है। जमीन पर कांवड़ नहीं रखेंगे। वहीं उनका कहना है कि थकान कैसी, जो कांवड़ लेकर जाता है, उसमें अपने आप ताकत आ जाती है। हालांकि मुस्लिम होने के सवाल पर साजिद ने कहा कि पहले तो हम सनातनी हैं, मुस्लिम बाद में। सवाल आस्था का है तो भगवान शिव भी हमारे आराध्य हैं।

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