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वित्त मंत्री ने विदेशी कंपनियों को दिया ऐसा ऑफर कि बदल सकती है भारत की किस्मत; ये रही पूरी जानकारी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कई आईटी उद्योग के नेताओं से मुलाकात की और उन्हें भारत में तकनीकी सहयोग और निवेश के अवसर तलाशने का निमंत्रण दिया।
वॉशिंगटन में गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन और उनकी टीम के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान, सीतारमण ने उन्हें भारत में स्थानीय साझेदारियों को बढ़ावा देने और 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत भारत और वैश्विक बाजारों के लिए तकनीक विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस बैठक में भारत के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत डिजिटल ढांचे में आए बड़े बदलावों पर भी चर्चा हुई, जिसने भारत को डिजिटल अपनाने के मामले में वैश्विक अग्रणी बना दिया है।
थॉमस कुरियन ने भारत के एआई मिशन की सराहना की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की प्रगति को सकारात्मक बताया। उन्होंने भारत को वैश्विक नेटवर्क से जोड़ने के लिए भूमि और समुद्री केबल अवसंरचना के विस्तार पर भी जोर दिया।
ट्यूरिंग कंपनी के सीईओ जोनाथन सिद्धार्थ से मुलाकात में वित्त मंत्री ने भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) नीति ढांचे पर चर्चा की और सहयोग के अवसरों की तलाश के लिए आमंत्रित किया। सिद्धार्थ ने भारत को एआई क्रांति में अग्रणी बनाने की इच्छा जताई और कहा कि वह भारत और भारतीय प्रतिभाओं के साथ मिलकर एक ऐसा संप्रभु मॉडल बनाना चाहते हैं जो दुनिया के लिए एक उदाहरण बन सके।
डेटा रोबोट के सीईओ देबंजन साहा ने भी वित्त मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने भारत को एआई महाशक्ति बनने की संभावना पर बात की और एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में भागीदारी में रुचि दिखाई, जिसके लिए हाल ही में पेश बजट 2025-26 में 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
सरकार ने डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें भारत एआई मिशन के लिए 10,300 करोड़ रुपये का बजट, भारतीय भाषाओं के लिए एआई तकनीकें बनाने की पहल 'भारतजेन' और 'सर्वम-1', और आईआईटी जोधपुर में 'सृजन केंद्र' की स्थापना शामिल है।
सीतारमण ने देबंजन साहा को निजी क्षेत्र के नेतृत्व में अनुसंधान, विकास और नवाचार के लिए प्रस्तावित एक लाख करोड़ रुपये के कोष की जानकारी दी और बताया कि एआई कौशल में भारत वैश्विक स्तर पर पहले स्थान पर है।
वित्त मंत्री ने एंड्रीसन होरोविट्ज़ (a16z) के जनरल पार्टनर अंजनी मिधा और वीएमवेयर के सलाहकार रघु रघुराम से भी मुलाकात की। उन्होंने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और एआई उत्कृष्टता केंद्र जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशने का सुझाव दिया।
रघु रघुराम ने कहा कि एआई एक रणनीतिक अवसंरचना बन गया है और भारत इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। वहीं, अंजनी मिधा ने बताया कि उनकी कंपनी 16 अलग-अलग क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के लिए काम कर रही है ताकि वास्तविक समस्याओं के समाधान दिए जा सकें।
वित्त मंत्री ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, ओएनडीसी, वित्तीय समावेशन, खाता संकलक, डिजिटल भुगतान प्रणाली, राष्ट्रीय एआई रणनीति, अटल नवाचार मिशन और मेघराज क्लाउड जैसी पहलों का भी जिक्र किया और एआई क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित करने पर बल दिया। उन्होंने a16z को इस दिशा में सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया।
बाद में सीतारमण ने वित्त सचिव अजय सेठ की उपस्थिति में पेंशन फंड प्रबंधकों और अन्य संस्थागत निवेशकों के साथ एक गोलमेज बैठक भी की।
इस बैठक में प्रतिभागियों ने भारत सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर अपने विचार साझा किए और निवेश के अनुभव को बेहतर बनाने के सुझाव दिए। उन्होंने अमेरिका और भारत के बीच निवेश सहयोग को गहरा करने में रुचि व्यक्त की। वित्त मंत्री ने ऊर्जा, सतत विकास और गिफ्ट-आईएफएससी जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसरों के बारे में जानकारी दी।