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नेपाल में GEN-Z आंदोलन के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखे पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली, राजनीतिक गलियारों में दिए यह संकेत

Shilpi Narayan
27 Sept 2025 5:16 PM IST
नेपाल में GEN-Z आंदोलन के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखे पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली, राजनीतिक गलियारों में दिए यह संकेत
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नई दिल्ली। नेपाल में हुए GEN-Z आंदोलन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री और CPN-UML के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली गायब हो गए थे। जिसके बाद से ही यह सवाल उठ रहा था कि आखिर ओली कहां है। वहीं उनको लेकर यहां तक कहां जा रहा था कि वो नेपाल छोड़कर दुबई चले गए हैं। लेकिन अब केपी शर्मा ओली एक सार्वजनिक मंच पर दिखे हैं।

राजनीतिक गलियारों में वापसी के दिए संकेत

GEN-Z आंदोलन के बाद आज पहली बार ओली सार्वजनिक रूप से नजर आए। उन्होंने पब्लिक में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर राजनीतिक गलियारों में वापसी का भी संकेत दिया। यही उनकी उस इस्तीफे के बाद पहली सार्वजनिक उपस्थिति है। दरअसल, केपी शर्मा ओली ने 9 सितंबर को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से गायब थे। शुरू में नेपाली सेना की सुरक्षा में रहे और बाद में अस्थायी निवास स्थान पर स्थानांतरित किए गए। उनकी फिर से उपस्थिति CPN-UML पार्टी सचिवालय की बैठक के बाद हुई, जैसा कि पार्टी के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी प्रदीप ज्ञावली ने पहले पुष्टि की थी।

सार्वजनिक कार्यक्रम में लिया भाग

राजनीतिक मंच पर अपनी वापसी का संकेत देते हुए ओली ने भक्तपुर में CPN-UML के छात्र विंग, राष्ट्रीय युवा संघ द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लिया। युवाओं के इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति को उनकी पार्टी के युवा वर्ग से पुनः जुड़ने की रणनीति माना जा रहा है, जो हाल ही के संकट के दौरान उनकी नेतृत्व शैली की आलोचना कर रहे थे। ओली की वापसी उन हिंसक देशव्यापी प्रदर्शनों के लगभग तीन सप्ताह बाद हुई है, जो जनरल जेड प्रदर्शकों ने राजनीतिक जवाबदेही, भ्रष्टाचार के अंत और एक विवादास्पद सोशल मीडिया प्रतिबंध को वापस लेने की मांग को लेकर शुरू किए थे।

ओली के बाद सुशीला कार्की ने संभाली कमान

बता दें कि हिंसा के बाद ओली ने इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया जबकि ओली ने सार्वजनिक रूप से प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के आदेश देने से इनकार किया। उनकी सरकार की इस मामले में कड़ी आलोचना हुई। 8 सितंबर का यह आंदोलन, जिसे जनरल जेड क्रांति भी कहा जाता है, को 2006 के आंदोलन से तुलना की जा रही है, जिसने राजा ज्ञानेन्द्र को हटाकर नेपाल की राजशाही समाप्त कर लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की थी।

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