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G20 Summit: पीएम मोदी ने ड्रग-टेरर और आंतकवाद खत्म करने का दिया मंत्र! राष्ट्रपति ट्रंप ने जी-20 का किया बॉयकॉट, जानें पश्चिमी देशों ने क्या कहा

Aryan
23 Nov 2025 12:14 PM IST
G20 Summit: पीएम मोदी ने ड्रग-टेरर और आंतकवाद खत्म करने का दिया मंत्र! राष्ट्रपति ट्रंप ने जी-20 का किया बॉयकॉट, जानें पश्चिमी देशों ने क्या कहा
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यूरोपीय देशों के नेताओं ने शिखर सम्मेलन के दौरान आपस में चर्चा कर संयुक्त बयान जारी किया है ।

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में G20 शिखर सम्मेलन चल रहा है। इस सम्मेलन में कई देश के नेताओं ने भाग लिया है। भारत के पीएम मोदी ने G20 समिट में आर्थिक विकास के साथ ही सामाजिक न्याय पर जोर डाला है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जी-20 का बॉयकॉट किया है।

पीएम मोदी ने ड्रग-टेरर नेक्सस के मुकाबले का रखा प्रस्ताव

पीएम मोदी ने सम्मेलन में ड्रग-टेरर नेक्सस के मुकाबले के लिए प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि दुनिया के गरीब देशों की समस्याओं का समाधान ढूंढना G20 का बड़ा एजेंडा है। पीएम मोदी ने कहा कि इसके तहत G20 देश मिलकर ड्रग तस्करी, अवैध फंडिंग और खतरनाक ड्रग जैसे फेंटेनाइल की सप्लाई को रोकने के लिए साझा तरीके से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वित्तीय, शासन और सुरक्षा प्रणाली को मिलाकर काम करके ही इस नेटवर्क को कमजोर किया जा सकता है।

रूस और यूक्रेन संघर्ष पर विराम

दूसरी ओर रूस और यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने के लिए जब जोहान्सबर्ग में चल रहे G20 शिखरसम्मेलन में आवाज उठाया गया, तो अमेरिकी प्रस्ताव पर पश्चिमी देशों का रुख अलग दिखाई दिया।

यूक्रेन युद्ध पर अमेरिकी शांति प्रस्ताव चर्चा बना मुद्दा

G20 सम्मेलन में यूक्रेन युद्ध पर अमेरिकी शांति प्रस्ताव चर्चा का मुख्य मुद्दा बना रहा। इस प्रस्ताव में रूस की कुछ मांगों को जगह दी गई, जिस पर यूरोपीय देशों ने आपत्ति जताई है।

यूरोपीय देशों ने जताई आपत्ति

जानकारी के मुताबिक, सीमाएं बलपूर्वक नहीं बदली जा सकतीं और यह मसौदा अभी अधूरा है। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने की राह आसान कैसे होगी।

यूरोपीय देशों के नेताओं ने जारी किया संयुक्त बयान

इस बीच, यूरोपीय देशों के नेताओं ने शिखर सम्मेलन के दौरान आपस में चर्चा कर संयुक्त बयान जारी किया है । नेताओं ने कहा कि इस मसौदे में कुछ महत्वपूर्ण तत्व हैं, लेकिन यह एक ऐसी बुनियाद है जिस पर और काम करने की जरूरत है। बता दें कि इस बयान पर ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, नीदरलैंड्स, आयरलैंड, फिनलैंड, नॉर्वे, यूरोपीय संघ, कनाडा और जापान के नेताओं ने हस्ताक्षर किए।

गौतलब है कि अमेरिका ने यूक्रेन को गुरुवार तक इस प्रस्ताव पर जवाब देने की समयसीमा दी है।

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