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गगनयान मिशन अब 2027 की पहली तिमाही में होगा लॉन्च: इसरो प्रमुख नारायणन

DeskNoida
6 May 2025 11:18 PM IST
गगनयान मिशन अब 2027 की पहली तिमाही में होगा लॉन्च: इसरो प्रमुख नारायणन
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नारायणन ने बताया कि गगनयान मिशन का पहला बिना मानव वाला परीक्षण इस साल किया जाएगा। इसके बाद 2026 में दो और ऐसे परीक्षण होंगे। इन परीक्षणों के बाद ही 2027 की पहली तिमाही में अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा।

भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ अब 2027 की पहली तिमाही में लॉन्च किया जाएगा। यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी नारायणन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। यह मिशन अब अपने तय समय से करीब पांच साल पीछे हो गया है। पहले इसे 2022 में लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन तकनीकी चुनौतियों और कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई।

नारायणन ने बताया कि गगनयान मिशन का पहला बिना मानव वाला परीक्षण इस साल किया जाएगा। इसके बाद 2026 में दो और ऐसे परीक्षण होंगे। इन परीक्षणों के बाद ही 2027 की पहली तिमाही में अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि मानव मिशन से पहले एक हाफ-ह्युमनॉइड रोबोट ‘व्योममित्र’ को भेजा जाएगा, जो जरूरी परीक्षणों में मदद करेगा।

गगनयान मिशन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी। तब इसका लक्ष्य 2022 तक भारत का पहला मानव मिशन भेजना था। लेकिन मिशन से जुड़ी तकनीकें काफी जटिल होने के कारण इसमें समय लगा। पहले इसे 2025 में किया जाना था, फिर 2026 तय किया गया, और अब इसे 2027 की शुरुआत में करने की योजना है।

इस मिशन के लिए इसरो ने इंसानों को ले जाने के लिए खास लॉन्च व्हीकल और अंतरिक्ष यान का विकास किया है। वैज्ञानिकों ने पहली बार पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली (ECLSS) भी तैयार की है, जो अंतरिक्ष यान में हवा, तापमान, नमी और अन्य जीवन से जुड़ी चीजों को नियंत्रित करेगी। नारायणन ने कहा कि इस प्रणाली का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और अब अंतिम जांच की जा रही है।

अगर यह मिशन सफल होता है तो भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद चौथा देश बन जाएगा जो अपने दम पर इंसानों को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसरो ने हाल ही में एक प्रयोग के तहत दो उपग्रहों को पीएसएलवी रॉकेट से लॉन्च किया था, जिसमें स्पेस डॉकिंग तकनीक का परीक्षण किया गया। यह प्रयोग सफल रहा और अब इसका दूसरा चरण (SPADEX-2) लाने की योजना है।

नारायणन ने बताया कि ईंधन का सही इस्तेमाल कर इसरो ने अंतरिक्ष में और भी कई प्रयोग किए। मार्च में एक उपग्रह को दूसरे के चारों ओर घुमाने जैसे परीक्षण भी किए गए। ये तकनीकें भविष्य में उपग्रहों के जीवन को बढ़ाने में मदद करेंगी।

उन्होंने यह भी बताया कि भारत, इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन के साथ मिलकर 7 से 9 मई 2025 तक ग्लोबल स्पेस एक्सप्लोरेशन कॉन्फ्रेंस (GLEX 2025) की मेजबानी करेगा, जिससे भारत को वैश्विक अंतरिक्ष अभियानों में भागीदार के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

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