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गाजा में फिर मचेगा हाहाकार: नेतन्याहू ने दिए ‘तगड़े हमले’ के आदेश, युद्धविराम पर संकट

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की है कि उन्होंने सेना को गाजा में तत्काल ‘तेज हमले’ शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
यह घोषणा उस समय आई जब इजरायली सेना ने बताया कि हमास ने दक्षिणी गाजा में इजरायली सैनिकों पर गोलीबारी की है।
इजरायल का दावा है कि हमास ने हाल ही में जो बंधक के अवशेष लौटाए, वे वास्तव में दो साल पहले मारे गए एक अन्य बंधक के शव के अंग हैं, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं।
नेतन्याहू ने तोड़ा सन्नाटा, दिए 'तगड़े अटैक' के आदेश
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने अमेरिका की मध्यस्थता वाले युद्धविराम समझौते का खुला उल्लंघन किया है।
उनके मुताबिक, बंधकों के अवशेषों की गलत तरीके से वापसी न केवल संवेदनहीन कदम है, बल्कि शांति प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश भी है।
उन्होंने सेना को निर्देश दिया है कि गाजा के भीतर व्यापक पैमाने पर सैन्य कार्रवाई की जाए ताकि हमास की क्षमताओं को कमजोर किया जा सके।
बंधकों के शवों की बरामदगी बनी विवाद का कारण
इजरायली सेना ने अब तक गाजा से करीब 51 बंधकों के शव बरामद किए हैं।
हालांकि, अभी भी 13 बंधकों के शव नहीं मिले हैं।
इजरायल का कहना है कि हमास जानबूझकर शवों की बरामदगी में देरी कर रहा है, जबकि हमास का दावा है कि गाजा में हुए बड़े पैमाने पर विनाश के कारण उन्हें शवों का पता लगाने में कठिनाई हो रही है।
युद्धविराम की प्रक्रिया में इस देरी को मुख्य बाधा माना जा रहा है।
हमास ने भी पलटवार किया, सौंपने की प्रक्रिया रोकी
नेतन्याहू के हमले के आदेश जारी होने के कुछ ही मिनटों बाद, हमास ने घोषणा की कि वह एक और बंधक के शव को लौटाने की प्रक्रिया स्थगित कर रहा है।
हमास के सशस्त्र विंग अलकुद्स ब्रिगेड ने बयान जारी कर कहा — “कब्जाकर्ताओं के लगातार उल्लंघनों के कारण, आज की निर्धारित हस्तांतरण प्रक्रिया को टाल दिया गया है।”
इस घोषणा के बाद क्षेत्र में फिर से तनाव और सैन्य गतिविधियां बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय चिंता और ट्रंप की संभावित भूमिका
गाजा में हालात फिर बिगड़ने से अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित है।
अमेरिका, जिसने अब तक युद्धविराम समझौते में मध्यस्थता की भूमिका निभाई थी, अब नई रणनीति पर विचार कर सकता है।
विशेष रूप से, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो आने वाले अमेरिकी चुनावों में फिर से सक्रिय हैं, इस घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया या नया राजनीतिक रुख अपना सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर गाजा में युद्ध दोबारा भड़कता है, तो इसका असर अंतरराष्ट्रीय राजनीति और मध्य पूर्व की स्थिरता पर गंभीर हो सकता है।
गाजा में बढ़ती तबाही की आशंका
गाजा के नागरिक पहले से ही मानवीय संकट झेल रहे हैं।
तेज हमलों के आदेश के बाद वहां नागरिकों की सुरक्षा, भोजन और चिकित्सा सहायता की स्थिति और बिगड़ सकती है।
संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही चेतावनी दी है कि अगर हिंसा दोबारा शुरू हुई, तो गाजा में व्यापक मानवीय आपदा पैदा हो सकती है।




