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31 दिसंबर को गिग वर्कर करने जा रहे हैं हड़ताल! कंपनियों को हो सकता है बड़ा नुकसान, जानें डिलीवरी वाले ने क्यों लिया यह फैसला

नई दिल्ली। गिग वर्कर 31 दिसंबर को स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकइट और जेप्टो के डिलीवरी करने वाले हड़ताल करने की प्लानिंग कर रहे हैं। अगर ये सभी हड़ताल पर चले गए, तो इन कंपनियों को एक ही दिन में करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। ये कंपनियां ऑनलाइन खाना और सामान पहुंचाने का काम करती हैं, और नए साल की पार्टी के दिन ऑर्डर्स के नंबर बहुत अधिक होते हैं। यदि हड़ताल हुई से डिलीवरी रुक जाएगी, तो दुकान का शटर डाउन जैसे हालात बन जाएंगे। हमने इन कंपनियों के पुराने बिक्री के आंकड़ों से हिसाब लगाया है कि कितना नुकसान होगा?
क्यों हड़ताल करना चाहते हैं
बता दें कि डिलीवरी बॉयज लंबे समय से शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें कम पैसे मिलते हैं। काम ज्यादा है और सिक्योरिटी नहींहै। अगर वे 31 दिसंबर को काम बंद कर दें, तो इन कंपनियों के ऐप पर ऑर्डर तो काफी अधिक आएंगे। लेकिन सामान पहुंचाने वाला कोई नहीं होगा। इस वजह से ग्राहक नाराज होंगे और कंपनियों की कमाई पर पानी फिर जाएगा। हमने ये आंकड़े कंपनियों की 2024-25 की सालाना रिपोर्ट से लिए गए हैं और रोजाना की एवरेज सेल निकाली है। हालांकि ये सिर्फ अनुमान हैं, असली नुकसान नए साल की वजह से और ज्यादा हो सकता है, क्योंकि उस दिन पार्टी के लिए ऑर्डर दोगुने-तिगुने तक हो सकते हैं।
स्विगी नुकसान में रहकर भी रहेगी फायदे में
स्विगी देश की बड़ी फूड डिलीवरी कंपनी है। इसकी सालाना कमाई करीब 15,227 करोड़ रुपये है। मतलब, औसतन हर दिन 41.7 करोड़ रुपये की बिक्री होती है। कंपनी अभी घाटे में चल रही है। हर 100 रुपये की कमाई पर 20.5 रुपये का घाटा झेल रही है। लेकिन हड़ताल से उस दिन की पूरी बिक्री रुक जाएगी, तो नुकसान 41.7 करोड़ रुपये का होगा। अच्छी बात ये कि कुछ खर्च बच जाएगा, जैसे डिलीवरी का पैसा, पैकेजिंग इत्यादी। तो स्विगी का घाटा थोड़ा कम हो सकता है। कंपनी करीब 8.5 करोड़ रुपये की बचत कर लेगी। हालांकि इसके बाद भी कंपनी को बड़ा झटका लगा है।
जेप्टो को सबसे बड़ा घाटा?
जेप्टो भी किराने की क्विक डिलीवरी करती है और बहुत तेजी से फैल रही है। सालाना कमाई 11,110 करोड़, यानी रोज 30.4 करोड़ रुपये का रेवेन्यू। लेकिन इसका घाटा बड़ा है। यह हर 100 रुपये पर 30.3 रुपये का नुकसान उठा रही है। हड़ताल से 30.4 करोड़ की बिक्री खोएगी, लेकिन खर्च बचने से घाटा 9.2 करोड़ कम हो सकता है। जेप्टो नई कंपनी है, तो ऐसे में ग्राहक दूसरी जगह जा सकते हैं।
जोमैटो भी फूड डिलीवरी में बड़ा नाम
जोमैटो भी फूड डिलीवरी में बड़ा नाम है। इसकी सालाना कमाई लगभग 15,037 करोड़ रुपये है, यानी रोजाना की एवरेज 41.2 करोड़ रुपये। कंपनी अब फायदे में है। हर 100 रुपये पर 3.5 रुपये का मुनाफा कमा रही है। हड़ताल से एक दिन की बिक्री खोने पर 41.2 करोड़ का नुकसान होगा, और मुनाफे में 1.4 करोड़ की कमी आएगी। जोमैटो की ब्लिंकइट अलग से चलती है, लेकिन फूड वाला हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। वहीं ब्लिंकइट जोमैटो की ही कंपनी है। जो किराने और सामान की क्विक डिलीवरी करती है। सालाना कमाई 5,206 करोड़ रुपये है, मतलब रोज 14.3 करोड़। ये कंपनी भी घाटे में है।




