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Starlink पर सरकार का सख्त फैसला! केवल इतने कनेक्शन को मिली मंजूरी, स्पीड पर भी लगेगी लगाम, जानें पूरा मामला

Anjali Tyagi
29 July 2025 7:30 PM IST
Starlink पर सरकार का सख्त फैसला! केवल इतने कनेक्शन को मिली मंजूरी, स्पीड पर भी लगेगी लगाम, जानें पूरा मामला
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Starlink की सेवाएं खासकर दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों को टारगेट करेंगी, जहां फिलहाल BSNLकी मजबूत पकड़ है।

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट से इंटरनेट सर्विस देने की तैयारी में है। कंपनी को इसके लिए जरूरी लाइसेंस मिल गया है। केंद्रीय दूरसंचार राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने कहा कि भारत में केवल 20 लाख यूजर्स को सेवा देने की मंजूरी दी गई है और इसकी अधिकतम स्पीड 200Mbps तक सीमित रहेगी। यह फैसला BSNLऔर अन्य टेलीकॉम कंपनियों पर असर के अंदेशे को नकारते हुए लिया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों को करेंगी टारगेट

सरकार के मुताबिक, Starlink की सेवाएं खासकर दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों को टारगेट करेंगी, जहां फिलहाल BSNLकी मजबूत पकड़ है। हालांकि, इन सेवाओं की शुरुआती लागत काफी ज्यादा हो सकती है और हर महीने ग्राहकों को लगभग 3,000 रुपये तक खर्च करना पड़ सकता है। मगर इन सेवाओं से ग्रामीण क्षेत्रों को काफी लाभ होगा।

4G रोलआउट पूरा

बता दें कि बैठक में BSNL की स्थिति पर बोलते हुए मंत्री ने बताया कि कंपनी का 4G नेटवर्क पूरी तरह से रोलआउट हो चुका है, और फिलहाल कंपनी अपने टैरिफ में किसी भी प्रकार की वृद्धि की योजना नहीं बना रही है।

TRAI नया प्रस्ताव- फ्रेमवर्क सुझाया

TRAI ने सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को लेकर नया फ्रेमवर्क सुझाया है जिसके तहत Starlink जैसी कंपनियों को अपने राजस्व का 4 प्रतिशत सरकार को शुल्क के तौर पर देना होगा। साथ ही यह शुल्क शहरी इलाकों में प्रति ग्राहक 500 रुपये सालाना तक का अतिरिक्त बोझ डाल सकता है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए किसी अतिरिक्त शुल्क का प्रस्ताव नहीं है। इस कदम के जरिए सरकार तकनीकी विकास और ग्रामीण कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना चाहती है लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित कर रही है कि घरेलू टेलीकॉम कंपनियों को किसी प्रकार की असंतुलित प्रतिस्पर्धा का सामना न करना पड़े।

मिला आधिकारिक लाइसेंस

जानकारी के मुताबिक भारत की अंतरिक्ष एजेंसी INSPACe ने Starlink को देश में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा प्रदान करने का लाइसेंस दे दिया है। अब कंपनी अपने Starlink Gen1 Constellation के ज़रिए भारतीय क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं शुरू कर सकती है। यह लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा। अब केवल स्पेक्ट्रम फीस और टेलीकॉम विभाग की मंजूरी बाकी है।

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