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गुजरात एटीएस ने फर्जी लग्ज़मबर्ग वीज़ा घोटाले में चार गिरफ्तार, 40 से अधिक लोग बने शिकार

गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने यूरोप के लग्ज़मबर्ग देश के फर्जी वीज़ा बनवाने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 40 से अधिक लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया। एटीएस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में मुंबई निवासी तबरेज़ कश्मीरी और उसके तीन साथी — मयंक भारद्वाज, तेजेंद्र उर्फ किशन गज्जर, और मनीष पटेल शामिल हैं, जो गांधीनगर और अहमदाबाद के रहने वाले हैं।
एटीएस को एक विशेष सूचना मिली थी कि एक गिरोह लग्ज़मबर्ग के फर्जी वीज़ा देकर लोगों से मोटी रकम वसूल रहा है। प्राथमिक जांच के बाद मयंक भारद्वाज और किशन गज्जर को पूछताछ के लिए बुलाया गया। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने चार लोगों से 8 लाख से 12 लाख रुपये तक वसूले और उन्हें वैध वीज़ा दिलाने का वादा किया। गिरोह में मनीष पटेल ग्राहकों को लाता था, जबकि तबरेज़ कश्मीरी वीज़ा अप्रूवल की प्रक्रिया संभालता था।
एटीएस ने आरोपियों द्वारा जारी किए गए पांच वीज़ा लग्ज़मबर्ग के दूतावास (नई दिल्ली) भेजकर जांच कराई। दूतावास ने पुष्टि की कि ये वीज़ा असली नहीं हैं। जांच में यह भी सामने आया कि इन पांचों ने पहले शॉर्ट-टर्म (बिज़नेस) वीज़ा के लिए आवेदन किया था, लेकिन फर्जी जॉब ऑफर दस्तावेजों के कारण उनके आवेदन खारिज हो गए थे। वीज़ा न मिलने पर ये लोग आरोपियों के पास पहुंचे, जिन्होंने उन्हें दो से तीन महीने के फर्जी बिज़नेस वीज़ा देने का वादा किया।
एटीएस की जांच में खुलासा हुआ कि चार व्यक्तियों से 38.5 लाख रुपये लेकर फर्जी वीज़ा दिए गए, और इसी तरह 39 अन्य लोगों को भी नकली लग्ज़मबर्ग वीज़ा उपलब्ध कराए गए। फिलहाल मामले की आगे की जांच जारी है।