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वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली! कहा-कोर्ट इस मामले में अंतरिम राहत पर विचार करेगा, जानें अगली सुनवाई कब होगी

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। CJI बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ में इस अहम मामले की सुनवाई की गई है।
SG तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। कोर्ट ने पूछा कि क्या अभी इस केस में अंतरिम राहत के लिए सुनवाई हो रही है? तुषार मेहता ने कहा कि अगर कोर्ट अंतरिम आदेश पर विचार करे, तो उसमें भी ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। SG तुषार मेहता ने कहा कि वो भी याचिकाकर्ताओं की तरह अपने जवाब को लेकर संक्षिप्त नोट दाखिल करने को तैयार है।
हमने संक्षिप्त नोट तैयार किया है
इस दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने संक्षिप्त नोट तैयार किया है, जिसे हम SG तुषार मेहता से शेयर कर सकते हैं। इस पर SG तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में बड़ी संख्या में हस्तक्षेप आवेदन फाइल हुई है। ये कोर्ट पर निर्भर करता है कि वो सुने या नहीं, लेकिन मेरी राय में वो नहीं सुनी जानी चाहिए।
काउंसिल या बोर्ड में नियुक्ति नहीं होगी
बता दें कि इस मामले की कोर्ट अगली सुनवाई 20 मई को करेगा। कोर्ट इस मामले में अंतरिम राहत पर विचार करेगा। तब तक केंद्र का भरोसा जारी रहेगा कि वो वक्फ संपत्ति को डिनोटिफाई नहीं करेगा और वक्फ काउंसिल या बोर्ड में नियुक्ति नहीं होगी।
इस चरण में किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं
हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल की सुनवाई में कहा था कि वह वक्फ अधिनियम, 2025 के कुछ हिस्सों पर रोक लगाने पर विचार कर रहा है, जिसमें ‘वक्फ-बाय-यूजर' का कॉन्सेप्ट, वक्फ बोर्ड्स में गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व और विवादित वक्फ भूमि की स्थिति को बदलने के लिए कलेक्टर को दिए गए अधिकार शामिल हैं। भारत के पूर्व चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा था। हम आम तौर पर चुनौती के इस चरण में किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं, जब तक कि असाधारण परिस्थितियां न हों। यह एक अपवाद नजर आता है। हमारी फिक्र यह है कि अगर 'वक्फ-बाय-यूजर' को गैर-अधिसूचित किया जाता है, तो इसके बहुत बड़े नतीजे हो सकते हैं।