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बेटियों को सजाकर चौराहों पर नचाना हिंदू समाज को बंद करना चाहिए... गरबा ड्रेस व टैटू को लेकर ऊषा ठाकुर का बयान

भोपाल। नवरात्रि की तैयारियों के बीच मध्यप्रदेश की पूर्व मंत्री और भाजपा नेत्री उषा ठाकुर ने गरबा आयोजनों को लेकर बड़ा बयान दिया है। पिछले साल नवरात्रि पर होने वाले गरबा महोत्सव को लेकर पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने मध्य प्रदेश सरकार से मांग की थी कि गरबा महोत्सव में बिना पहचान पत्र के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाए। इस बार उन्होंने कहा कि बेटियों को सजाकर चौराहों पर नचाना हिंदू समाज को बंद करना चाहिए। उनका कहना है कि व्यावसायिक मानसिकता ने नवरात्रि जैसे पावन पर्व को बेकार कर दिया है। इसके स्वरूप को बदलना नितांत आवश्यक है।
ऊषा ठाकुर ने कहा समाज की भलाई के लिए जरूरी कदम
उषा ठाकुर ने बेटियों के माता-पिता से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी बच्चियों को सिर्फ गहनों, वेशभूषा और टैटू तक ही सीमित न रखें। नवरात्रि में बेटियों को शक्ति की साधना करने और उपासक बनाने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातनी समाज को संतों और सिद्ध शक्तियों के संदेशों का पालन करना चाहिए, क्योंकि यही समाज की भलाई के लिए आवश्यक है। इस बार इंदौर में जगद्गुरु वसंत विजयानंद गिरी जी महाराज के मार्गदर्शन में विश्व का सबसे बड़ा नवरात्रि पंडाल बन रहा है।
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में नवरात्रि आयोजनों में फिल्मी गानों, डीजे और आधुनिक परिधानों के इस्तेमाल को लेकर परंपरा और आधुनिकता के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिलती रही है।
गरबा ड्रेस को लेकर पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा
उषा ठाकुर ने कहा कि हर व्यक्ति चौराहे पर मां देवी की स्थापना करने लगा है और चौराहे पर बेटियां इकट्ठा होकर नृत्य करती है। कई बार ऐसे ड्रेस होते हैं कि सोचने पर विवश पर हो जाते हैं कि मां की आराधना में देवी मां को देखने आएं या फिर कुछ और ही देख रहे हैं। कपड़े ऐसे होने चाहिए जिससे सात्विक भाव उत्पन्न हो कोई उत्सुक भावना उत्पन्न नहीं होना चाहिए ये जिम्मेदारी हर एक महिला और उसके परिवार की हैं।
पिछले साल नवरात्रि पर उन्होंने कहा था कि, नवरात्रि का पर्व शक्ति और साधना का पर्व है। संपूर्ण समाज अपनी शक्ति में वृद्धि करे। शस्त्र और शास्त्र की साधना करे, यही अपेक्षा नवरात्रि हम सब सनातनियों से करती है। उषा ठाकुर ने कहा कि मेरा मानना है कि गरबा में आईडी अनिवार्य होना चाहिए। जो आए अपनी पहचान छुपा कर न आए, आप अपनी पहचान के साथ आइए।