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"भारत को एकजुट करते हैं उनके गीत" – भूपेन हजारिका जन्म शताब्दी समारोह में बोले पीएम मोदी

DeskNoida
14 Sept 2025 3:00 AM IST
भारत को एकजुट करते हैं उनके गीत – भूपेन हजारिका जन्म शताब्दी समारोह में बोले पीएम मोदी
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समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भूपेन दा भले ही आज हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज और उनके गीत भारत को एकजुट करते रहते हैं। उनका संगीत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की आत्मा को दर्शाता है। वे भारत की सांस्कृतिक परंपराओं और लोकधारा से गहराई से जुड़े थे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम में आयोजित भारत रत्न भूपेन हजारिका के जन्म शताब्दी समारोह में कहा कि भूपेन हजारिका के गीत पूरे भारत को एकजुट करते हैं। उनकी आवाज केवल संगीत नहीं बल्कि ऊर्जा का संचार है, जिसने कठिन समय में समाज को जोड़े रखने का काम किया।

"भारत को जोड़ने वाली आवाज"

समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भूपेन दा भले ही आज हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज और उनके गीत भारत को एकजुट करते रहते हैं। उनका संगीत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की आत्मा को दर्शाता है। वे भारत की सांस्कृतिक परंपराओं और लोकधारा से गहराई से जुड़े थे।”

मोदी ने याद किया कि भूपेन हजारिका ने उस दौर में पूर्वोत्तर को आवाज दी, जब क्षेत्र में हिंसा चरम पर थी। उनके गीतों ने समाज को सकारात्मक दिशा देने का काम किया।

पुस्तक और स्मारक सिक्के का विमोचन

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने भूपेन हजारिका को समर्पित एक विशेष पुस्तक का विमोचन किया। साथ ही उन्होंने 100 रुपये का स्मारक सिक्का भी जारी किया। मोदी ने कहा कि भूपेन हजारिका को भारत रत्न से सम्मानित करना पूरे पूर्वोत्तर भारत का सम्मान है।

पूर्वोत्तर के विकास पर जोर

पीएम मोदी ने कहा, “पूर्वोत्तर की प्रगति के बिना हम देश के विकास की कल्पना नहीं कर सकते। केंद्र सरकार सांस्कृतिक संपर्क और विरासत को जोड़ने पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि पूरा देश पूर्वोत्तर की संस्कृति और इतिहास से परिचित हो सके।”

उन्होंने घोषणा की कि भूपेन हजारिका का जन्म शताब्दी समारोह पूरे एक वर्ष तक चलेगा। गौरतलब है कि भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम के तिनसुकिया जिले के सादिया में हुआ था।

असम सरकार की प्रतिक्रिया

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब 2011 में भूपेन दा का निधन हुआ था, तब असम के लोग चाहते थे कि केंद्र सरकार से कोई प्रतिनिधि उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो। यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जो असम से राज्यसभा सांसद थे, भी श्रद्धांजलि देने नहीं आए।

हिमंत ने कहा, “आज मोदी जी भूपेन दा के जन्म शताब्दी समारोह का हिस्सा बने हैं। जिस सम्मान के साथ उन्होंने भूपेन दा को याद किया है, असम की जनता इसे कभी नहीं भूलेगी।”

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