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गंदे पानी से तैयार होगा हाइड्रोजन ईंधन, नोएडा एयरपोर्ट के लिए चलेंगी हाइड्रोजन बसें, जानें क्या है खास...

नोएडा। यमुना प्राधिकरण ने यात्रियों को एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी पूरी कर ली है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) तक अब सफर बेहद आसान और लग्जरी होने जा रहा है। दरअसल इसके लिए साइलेंट और पूरी तरह से प्रदूषणमुक्त हाइड्रोजन बस चलाने के लिए हरी झंडी मिल गई है। अब अतिशीघ्र ग्रीन लग्जरी हाइड्रोजन बस सेवा शुरू होने जा रही है। इस बड़ी परियोजना को यमुना प्राधिकरण बोर्ड ने भी मंजूरी दे दी है।
लग्जरी इंटरसिटी मॉडल पर बसें होंगी आधारित
जानकारी के अनुसार, यह बसें फुल एसी और लग्जरी इंटरसिटी मॉडल पर आधारित होंगी। हर बस में 45 सीटें होंगी। एक बार हाइड्रोजन भरने पर बस 600 किलोमीटर तक बेधरक चलेगी। इन बसों से धुआं की जगह केवल पानी का भाप निकलेगा यानी अब शतप्रतिशत प्रदूषणमुक्त सफर होगा। इस हाइड्रोजन बस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि हाइड्रोजन ईंधन गंदे पानी को रिफाइन कर बनाया जाएगा।
गंदे पानी से तैयार किया जाएगा ईंधन
बता दें कि यह ईंधन ग्रेटर नोएडा स्थित एनटीपीसी प्लांट में तैयार किया जाएगा। ईंधन भरने और बसों का रखरखाव एनटीपीसी प्रबंधन करेगा, जबकि बस संचालन और ड्राइवर की व्यवस्था यमुना प्राधिकरण करेगा। इस मॉडल को भविष्य के ग्रीन ट्रांसपोर्ट का मास्टरप्लान भी माना जा रहा है। एसईओ यमुना प्राधिकरण ने जानकारी दी कि जेवर एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा और आधुनिक एयरपोर्ट बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
फुल-ग्रीन ट्रांसपोर्ट जोन बनने की दिशा में आगे बढ़ा भारत
हवाई अड्डे को जोड़ने के लिए, यमुना एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे, मथुरा रोड और फरीदाबाद-नोएडा कॉरिडोर जैसी सड़कें पहले से विकसित की जा रही हैं। हाइड्रोजन बसें शुरू होने के बाद यह पूरा क्षेत्र भारत का पहला फुल-ग्रीन ट्रांसपोर्ट जोन बनने की दिशा में आगे बढ़ जाएगा। दरअसल इस परियोजना से यमुना सिटी में आने वाले सालों में यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। ऐसे में यह ग्रीन बसें प्रदूषण रोकने में मदद करेंगी और सफर को आरामदायक बनाएंगी।




