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मैंने एमएस धोनी सर से दबाव को झेलना सीखा है...महिला टीम की ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने 300 विकेट हासिल करने के बाद की माही की तारीफ

नई दिल्ली। भारतीय महिला किक्रेट टीम की ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा का एक बयान काफी वायरल हो रहा है। दीप्ति ने हाल ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 300 विकेट पूरे किए। वहीं दीप्ति झूलन गोस्वामी (355) के बाद ऐसे करने वाली दूसरी भारतीय गेंदबाज हैं। हालांकि उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जमकर तारीफ की है। वहीं उन्होंने कहा कि वह धोनी के वीडियो देखकर कठिन परिस्थितियों में संयम बनाए रखना सीखती थीं। धोनी को दबाव संभालने के मामले में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
निचले क्रम में शानदार बल्लेबाजी से लगातार प्रभावित किया है
बता दें कि दीप्ति ने अपनी ऑफ-स्पिन गेंदबाजी और निचले क्रम में शानदार बल्लेबाजी से लगातार प्रभावित किया है। वहीं दीप्ति को दबाव में धैर्य बनाए रखने की क्षमता अलग स्तर का खिलाड़ी बनाती है। दीप्ति पिछले कुछ सालों में टीम की सबसे निरंतर प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों में से एक रही हैं। उन्हें अक्सर गेंद से महत्वपूर्ण सफलता दिलाने या बल्ले से टीम को मुश्किल हालात से निकालने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। जिसे वह भलीभांति निभाती है।
एमएस धोनी सर से दबाव को झेलना सीखा
दीप्ति ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैंने एमएस धोनी सर से दबाव को झेलना सीखा है। जब भी उनका कोई मैच होता था मैं टीवी से चिपकी रहती थी और मैच देखती थी। ऐसा कभी नहीं लगा कि वह किसी भी पल दबाव में हैं। वह शांति से स्थिति को संभालते थे और अंत में मैच जीतते थे। मैंने भी अपने खेल में यही गुण विकसित किया है। मैं चीजों को सरल रखती हूं, उदाहरण के लिए हर मैच में जब भी मुझे गेंदबाजी करने का मौका मिलता है, चाहे वह पावरप्ले में हो या आखिरी ओवरों में, मैं उस काम को बहुत शांतचित होकर करती हूं। मुझे चुनौतियां पसंद हैं, जब भी कोई मुश्किल स्थिति आती है।
300 विकेट पूरे करके बहुत अच्छा महसूस हो रहा है
वहीं उन्होंने आगे कहा कि जाहिर तौर पर 300 विकेट पूरे करके बहुत अच्छा महसूस हो रहा है और यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत गर्व का क्षण है। टीम ने भी इस उपलब्धि के लिए मेरी बहुत तारीफ की है। जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो मैंने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया था। तब मेरा एकमात्र लक्ष्य भारत के लिए खेलना था। मैंने उसी के अनुसार कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ अभ्यास किया। मैं रिकॉर्ड और अन्य चीजों के बारे में नहीं सोच रही थी।