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आज रात सीज फायर तोड़ा तो पाक को पड़ेगा बहुत भारी! जानें अब तक पाकिस्तान के कितने जवान और आतंकी मारे गए

Varta24 Desk
11 May 2025 8:41 PM IST
आज रात सीज फायर तोड़ा तो पाक को पड़ेगा बहुत भारी! जानें अब तक पाकिस्तान के कितने जवान और आतंकी मारे गए
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ऑपरेशन सिंदूर सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने की प्रेस कांफ्रेंस, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पाक के झूठ की खोली पोल

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने आज प्रेस कॉन्‍फ्रेस की। वहीं इस कॉन्फ्रेंस में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने जानकारी दी। इनके अलावा इस दौरान उनके साथ डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और डीजी नेवल ऑपरेशंस वाइस एडमिरल एएन प्रमोद भी मौजूद रहे। यह पहली बार है कि जब तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी एक साथ इस ऑपरेशन पर जानकारी साझा की हैं।

डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि आज सुबह पाक डीजीएमओ से बातचीत हुई। कल फिर बात होगी। अगर पाकिस्तान ने आज रात सीजफायर तोड़ा तो उसे इसका करारा जवाब मिलेगा।

पाकिस्तानी सेना के लगभग 35 से 40 जवान मारे गए

बता दें कि डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि कुछ हवाई क्षेत्रों और डंपों पर हवा से बार-बार हमले हुए। सभी को विफल कर दिया गया। उन्होंने बताया कि 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा पर तोपखाने और छोटे हथियारों से गोलीबारी में पाकिस्तानी सेना के लगभग 35 से 40 जवान मारे गए हैं।

100 आतंकियों की किया खत्म

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया। इस दौरान आतंकी के नौ कैंप तबाह किए गए हैं। हमने 100 आतंकियों की खत्म किया। इसमें मुद्स्सर खास, हाफिज जमिल और रऊफ अजहर जैसे हाई वैल्यू टारगेट लक्ष्य शामिल थे, जो आईसी814 के अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल थे। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा का भी उल्लंघन किया गया और हमारे दुश्मन की अनिश्चित और घबराई हुई प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट था कि बड़ी संख्या में नागरिक, आबाद गांव और गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थल दुर्भाग्य से उनके निशाने पर आए, जिससे कई लोगों की जान चली गई।

संरचना के लाभों के बारे में बहुत कुछ कहते और सुनते देखा

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि जमीन पर, हमने भारतीय वायुसेना के साथ एक एकीकृत ग्रिड स्थापित करने के लिए वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक परिसंपत्तियों की तैनाती जैसे कुछ उपाय भी किए हैं और मैंने आपमें से कुछ लोगों को हवाई घुसपैठ को नकारने और उसका मुकाबला करने के लिए इस तरह की संरचना के लाभों के बारे में बहुत कुछ कहते और सुनते देखा है।

आवाजाही को शामिल करने के लिए तैनाती भी की

उन्होंने कहा कि हमने भूमि, समुद्र और वायु क्षेत्रों में अपने बलों की आवाजाही को शामिल करने के लिए तैनाती भी की। 9-10 मई की रात को ड्रोन और विमानों द्वारा इसी तरह की घुसपैठ देखी गई और इस बार हवाई क्षेत्रों और कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण रसद प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का एक ठोस प्रयास किया गया, हालांकि एक बार फिर असफल रहा और एकीकृत भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना की वायु रक्षा द्वारा बहादुरी और कुशलता से इसका खंडन किया गया।

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