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'अगर ट्रंप डील करना चाहते हैं तो..., ईरान की ट्रंप को दो टूक, अमेरिकी राष्ट्रपति पर भड़का ईरान

Anjali Tyagi
28 Jun 2025 12:15 PM IST
अगर ट्रंप डील करना चाहते हैं तो..., ईरान की ट्रंप को दो टूक, अमेरिकी राष्ट्रपति पर भड़का ईरान
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अराघची ने कहा, "अगर ट्रंप वास्तव में सौदा चाहते हैं तो उन्हें खामेनेई और उनके लाखों अनुयायियों का सम्मान करना होगा।

नई दिल्ली। ईरान-इजराइल युद्ध में अमेरिकी हस्तक्षेप से ईरान और अमेरिका के बीच के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। हाल ही में ईरानी विदेश मंत्री सईद अराघची ने बयान जारी किया है। अराघची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ईरानी लोगों की जटिलता और दृढ़ता हमारे कालीनों की तरह है पर हमारी राष्ट्रीय भावना सीधी और स्पष्ट है। अराघची ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर अमेरिका वास्तव में ईरान से समझौता चाहता है तो उसे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के प्रति अपनी भाषा में सम्मान दिखाना होगा।

ट्रंप के बयान पर ईरान का पलटवार

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल ईरान के साथ परमाणु समझौते से अलग होने और अधिकतम दबाव की नीति पर केंद्रित रहा है, लेकिन अब जब अमेरिका कूटनीति और बातचीत कर रहा है तो ईरान इस बदलाव को केवल भाषा में नहीं बल्कि व्यवहार में भी देखना चाहता है। अराघची ने कहा, "अगर ट्रंप वास्तव में सौदा चाहते हैं तो उन्हें खामेनेई और उनके लाखों अनुयायियों का सम्मान करना होगा। इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ईरान की सारी न्यूक्लियर ठिकानों को तबाह कर दिया है।

धमकियों और अपमानों को बर्दाश्त नहीं करेंगे- ईरान

जानकारी के मुताबिक व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि अमेरिका अभी भी ईरानी अधिकारियों और उनके मध्यस्थ कतरी प्रतिनिधियों के साथ संपर्क में है। उन्होंने कहा कि "यह प्रशासन हमेशा कूटनीति और शांति पर केंद्रित रहा है। इससे ये समझ आता है कि ट्रंप प्रशासन ने शायद अपनी रणनीति को थोड़ी लचीलापन देना शुरू किया है। हालांकि, ईरान का यह कहना कि वे धमकियों और अपमानों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

ईरान की अमेरिका को चेतावनी

बता दें कि ईरानी विदेश मंत्री ने गंभीर चेतावनी देते हुए कहा, "अगर भ्रम से बड़ी गलती हुई तो ईरान अपनी वास्तविक क्षमताओं का खुलासा करने में संकोच नहीं करेगा। "यह बयान केवल एक कूटनीतिक चेतावनी नहीं है, बल्कि सैन्य तैयारियों का संकेत भी देता है। ईरान पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि वह क्षेत्रीय संतुलन में एक सशक्त और आत्मनिर्भर शक्ति के रूप में खुद को देखता है।

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