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सुख-शांति और वैवाहिक जीवन में खुशहाली चाहती हैं तो करें मां लक्ष्मी, संतोषी माता और शुक्र देव की पूजा

Anjali Tyagi
21 Nov 2025 7:00 AM IST
सुख-शांति और वैवाहिक जीवन में खुशहाली चाहती हैं तो करें मां लक्ष्मी, संतोषी माता और शुक्र देव की पूजा
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नई दिल्ली। मार्गशीर्ष माह के शुक्रवार को मां लक्ष्मी, संतोषी माता और शुक्र देव की पूजा करने से सुख-समृद्धि मिलती है। इस व्रत को रखने और विधि-विधान से पूजा करने पर धन-धान्य, सुख-शांति और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। यह व्रत सभी कष्टों को दूर कर मनोकामनाएं पूरी करता है और जीवन में संतोष लाता है।

पूजा विधि और महत्व

स्नान और व्रत का संकल्प: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजास्थल पर गंगाजल छिड़कें और संतोषी माता या लक्ष्मी जी के लिए व्रत का संकल्प लें।

मूर्ति और स्थापना: चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी या संतोषी माता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और कलश स्थापना करें।

पूजा सामग्री: दीपक जलाएं और लाल फूल, रोली, अक्षत, चंदन, और सफेद मिठाई या मखाने की खीर का भोग लगाएं।

व्रत का पालन: इस दिन खट्टे फलों और सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। फल, दूध, गुड़ और चना जैसे सात्विक भोजन का सेवन कर सकते हैं।

व्रत का लाभ: इस व्रत के प्रभाव से दरिद्रता, दुख और बाधाएं दूर होती हैं। भक्तों को सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है, और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

वैवाहिक जीवन में सुख-शांति

इस तिथि को कोई विशेष पर्व नहीं है, लेकिन आप वार के हिसाब से शुक्रवार व्रत रख सकते हैं। ब्रह्मवैवर्त और मत्स्य पुराण में शुक्रवार व्रत का उल्लेख मिलता है, जिसमें माता लक्ष्मी, संतोषी और शुक्र ग्रह की अराधना करने के लिए बताया गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस तिथि पर विधि-विधान से पूजा करने से जातक के जीवन में सुख, समृद्धि, धन-धान्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

16 शुक्रवार का व्रत: संतोषी माता के लिए 16 शुक्रवार तक यह व्रत रखने का विधान है, जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में संतोष और समृद्धि आती है। आमतौर पर 16 शुक्रवार तक व्रत रखने के बाद उद्यापन किया जाता है।

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