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दिल की बीमारियों से बचना हो तो अभी से रोजाना अर्जुन की छाल का काढ़ा करें इस्तेमाल, जानें इसे तैयार करने की विधि

आयुर्वेद में अर्जुन की छाल का बहुत फायदा है। इस पेड़ की छाल में खासतौर पर पोषक तत्वों और फाइटोकेमिकल्स की मात्रा अधिक होती है। इससे कई हर्बल उपचार में उपयोग किया जाता है। चिकित्साविदों के मुताबिक अर्जुन छाल में फ्लेवोनोइड्स, टैनिन, ट्राइटरपेनोइड्स और सैपोनिन्स जैसे फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं। इस छाल में कई महत्वपूर्ण यौगिक होते हैं, जिनमें अर्जुनोलिक एसिड, गैलिक एसिड, एलाजिक एसिड और β-सिटोस्टेरॉल शामिल हैं। इसी वजह से इस छाल का कई बीमारियों में उपयोग होता है।
अर्जुन की छाल दिल की बीमारी में फायदेमंद है
अर्जुन की छाल को दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद कहा जाता है। इसमें मौजूद टैनिन और ग्लाइकोसाइड जैसे कम्पोनेंट्स में एंटीऑक्सीडेंट वाले गुण होते हैं जो दिल की मांसपेशियों और ब्लड वेसेल्स को फ्री रेडिकल्स से होने वाले हानि से बचाते हैं। अर्जुन की छाल ब्लड वेसेल्स को भी फैलाता है और ब्लड फ्लो को बेहतर करता है।
शरीर में शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करता है
आयुर्वेद में अर्जुन छाल का इस्तेमाल पाचन संबंधी समस्याओं में भी किया जाता है। इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जो सूजन को कम करता है। इसके अलावा ये शरीर में शुगर मेटाबोलिज्म को तेज करके डायबिटीज के कारण होने वाली सूजन को कम करने में भी मददगार है।
अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने की विधि
1 चम्मच अर्जुन की छाल, 5 पत्ते तुलसी, 7 दालचीनी ले लें।
सबसे पहले सभी चीजों को आपस में कूट लें। इसके बाद एक पैन में 2 कप पानी लें और गैस पानी रखकर सभी चीजें डालकर धीमी आंच में उबाल लें। जब पानी एक कप बच जाए तब गैस बंद करें और फिर इसे हल्का ठंडा करके रोजाना इसका सेवन करें।




