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अदियाला जेल में इमरान खान का बड़ा आरोप: "आसिम मुनीर मानसिक रूप से बीमार, मुझे मरवा सकता है"

पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल में है। अदियाला जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तेहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान ने अपनी जान को गंभीर खतरा बताया है। मंगलवार को अपनी बहन डॉ. उजमा खान से मुलाकात के बाद जारी एक बयान में इमरान खान ने दावा किया कि पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान ने उनके खिलाफ हर संभव हथकंडा अपनाया है। उनके मुताबिक अब सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के पास उनकी हत्या करवाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
पीटीआई द्वारा जारी बयान में आरोप लगाया गया है कि इमरान खान को ऐसे हालात में रखा गया है जो किसी भी सजा-ए-मौत पाए कैदी से भी अधिक कठोर हैं। पार्टी के अनुसार, उन्हें एकांत कारावास में रखा गया है जहां बिजली, साफ पानी, धूप, चिकित्सीय सुविधा, बेहतर भोजन और बुनियादी कैदी अधिकार जैसी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। खान ने इसे अमानवीय बताते हुए कहा कि उन्हें पिंजरे में बंद जानवर की तरह रखा गया है और उनसे भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है।
इमरान खान ने कहा कि पांच दिनों तक उनके सेल की बिजली बंद रही और लगातार दस दिनों तक उन्हें सेल से बाहर नहीं निकलने दिया गया। उन्होंने दावा किया कि यह सब जान-बूझकर किया जा रहा है ताकि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तोड़ा जा सके। पूर्व प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि अगर उन्हें कोई हानि पहुंचती है, तो इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर और डीजी आईएसआई पर होगी। उन्होंने मुनीर को "इतिहास का सबसे जालिम, मानसिक रूप से अस्थिर और तानाशाही मानसिकता वाला शख्स" बताया।
उधर, जेल अधिकारियों से मिलने पहुंचीं डॉ. उजमा खान की यह मुलाकात लगभग 25 से 35 मिनट तक चली। सीएनएन-न्यूज़18 की रिपोर्ट के मुताबिक उजमा खान ने बताया कि इमरान खान शारीरिक रूप से स्वस्थ और मानसिक रूप से काफी मजबूत नजर आए। हालांकि, वे जेल प्रशासन की नीतियों और सुविधाओं को लेकर बेहद नाराज थे। इमरान खान ने पार्टी नेतृत्व को संदेश देते हुए मौजूदा व्यवस्था को "अलोकतांत्रिक" करार दिया और कहा कि यह राजनीतिक प्रताड़ना उनकी आवाज दबाने की कोशिश है।
पीटीआई का दावा है कि इमरान खान के खिलाफ सभी कार्रवाइयों का उद्देश्य उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म करना है। पार्टी यह भी कहती है कि खान की गिरफ्तारी और जेल में रखा जाना पाकिस्तान की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशान है। वहीं, सैन्य प्रतिष्ठान से जुड़े किसी भी अधिकारी ने इन आरोपों पर अब तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
जो भी हो, इमरान खान के इस आरोप ने पाकिस्तान की सियासत में फिर से तनाव बढ़ा दिया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस विवाद के दूरगामी प्रभाव पाकिस्तान की सत्ता, सेना और राजनीतिक भविष्य पर पड़ सकते हैं।




