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एच1बी वीजा फीस पर भारत-अमेरिका में बातचीत जारी, विदेश मंत्रालय ने दिया बड़ा अपडेट

एच1बी वीजा फीस को लेकर भारत और अमेरिका के बीच बातचीत जारी है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर बड़ा अपडेट देते हुए कहा कि भारत ने अमेरिका और अन्य साझेदारों के साथ संपर्क बनाए रखा है। मंत्रालय ने साफ किया कि कुशल भारतीय पेशेवरों की आवाजाही दोनों देशों में इनोवेशन, आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह एच1बी वीजा फीस में भारी बढ़ोतरी का ऐलान किया था। नए नियमों के तहत एक लाख डॉलर की फीस केवल एक बार देनी होगी। यह फीस नए वीजा आवेदनकर्ताओं पर अगले साइकिल से लागू होगी। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम वीजा कार्यक्रम के दुरुपयोग को रोकने और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक है। चूंकि एच1बी वीजा का सबसे बड़ा लाभार्थी भारत है (करीब तीन-चौथाई हिस्सेदारी भारतीयों की है), इसलिए इसका सीधा असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ेगा।
विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने एच1बी वीजा कार्यक्रम में बदलाव से जुड़े नियम बनाने के लिए अधिसूचना जारी की है। उद्योग और हितधारकों को इस पर राय देने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।
जायसवाल ने कहा, “हमने पहले भी कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच कुशल प्रतिभा का आदान-प्रदान दोनों अर्थव्यवस्थाओं में इनोवेशन, धन सृजन, आर्थिक विकास और उत्पादकता में बड़ा योगदान देता है। हमें उम्मीद है कि अमेरिकी प्रशासन इस तथ्य को ध्यान में रखेगा।”
टैरिफ और व्यापार वार्ता पर चर्चा
एच1बी वीजा के अलावा अमेरिका द्वारा 1 अक्टूबर से फार्मास्युटिकल उत्पादों, बड़े ट्रकों और फर्नीचर पर 100% टैरिफ लगाने के प्रस्ताव पर भी सवाल उठाए गए। इस पर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार के संबंधित विभाग इस पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर से मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य फोकस व्यापार और टैरिफ पर रहा, साथ ही द्विपक्षीय संबंधों के अन्य पहलुओं पर भी चर्चा हुई।