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ट्रंप के टैरिफ से भारत को हुआ इतने अरब डॉलर का नुकसान, मॉस्को में जयशंकर ने भारत-रूस की दोस्ती पर दिया जोर

Anjali Tyagi
21 Aug 2025 10:37 AM IST
ट्रंप के टैरिफ से भारत को हुआ इतने अरब डॉलर का नुकसान, मॉस्को में जयशंकर ने भारत-रूस की दोस्ती पर दिया जोर
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एस जयशंकर ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और 'मेक इन इंडिया' जैसी पहल का जिक्र किया।

नई दिल्ली। भारत- अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच एस जयशंकर इन दिनों रूस की राजधानी मॉस्को में है। यहां उन्होंने आईआरआईजीसी वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने भारत और रूस के बीच व्यापार असंतुलन को लेकर चिंता जाहिर की है। जानकारी के मुताबिक भारत का व्यापार घाटा 58.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो कि पहले से लगभग नौ गुना बढ़ गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि इस घाटे को कम करने के लिए तुरंत काम किया जाना चाहिए।

रूस के साथ व्यापार पर बोले जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के साथ ट्रेड पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, ''भारत-रूस के बीच ट्रेड पांच गुना बढ़कर 2021 में 13 अरब डॉलर से 2024-25 में 68 अरब डॉलर पहुंच गया है, लेकिन इसके साथ-साथ व्यापार असंतुलन भी बढ़ा है। यह पहले 6.6 अरब डॉलर का था, जो कि अब 58.9 अरब डॉलर हो गया है।''

उन्होंने ट्रेड को बैलेंस करने के लिए सुझाव देते हुए कहा, ''टैरिफ और बिना टैरिफ संबंधी ट्रेड की दिक्कतों को दूर करना हमारी प्राथमिकता है। इससे आयात-निर्यात प्रक्रिया में तेजी आएगी और व्यापारियों का समय बचेगा। उनकी लागत भी बचेगी।'' जयशंकर ने बताया कि भारत और रूस का ट्रेड को 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और रूस को जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए रचनात्मक और अभिनव दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

आपसी समझौते से दोनों देशों को होगा फायदा- रूस

जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्री जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव आज मीटिंग करेंगे। इससे पहले रूस ने कहा कि लॉजिस्टिक, बैकिंग और फाइनेंशियल चेन को बढ़ावा देना होगा। आपसी समझौते से दोनों ही देशों को फायदा होगा।

चीन को राहत, भारत का बढ़ाया टैरिफ

बता दें कि अमेरिका ने भारत पर पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, लेकिन इसके बाद बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया। विवाद की वजह यह थी कि उन्हें भारत के रूस से तेल खरीदने से दिक्कत है। हालांकि चीन और अमेरिका खुद भी रूस से तेल खरीदते हैं, लेकिन ट्रंप ने चीन को राहत दे दी। अमेरिका की धमकियों के भारत ने रूस का साथ नहीं छोड़ा।

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