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Indian temple: एक ऐसा मंदिर जहां हवा में तैरता है स्तंभ, अनोखी है मंदिर की कहानी, जानें आखिर क्या है राज

अनंतपुर। प्राचीन भारत की वास्तुकला कितनी अनोखी है, इसका शानदार उदाहरण है लेपाक्षी मंदिर। लेपाक्षी मंदिर, आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह मंदिर अपने आश्चर्यजनक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें एक हवा में तैरता हुआ स्तंभ भी शामिल हैं।
लेपाक्षी मंदिर का उड़ता हुआ स्तंभ एक रहस्य है, जो आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी मंदिर में स्थित है। यह स्तंभ मंदिर के 70 खंभों में से एक है, लेकिन यह जमीन से थोड़ा ऊपर उठा हुआ है और मंदिर का भार इस पर टिका हुआ है।स्थानीय लोगों का मानना है कि इस खंभे के नीचे से कपड़ा निकालने से सुख-समृद्धि आती है। कुछ लोग मानते हैं कि यह एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, जबकि अन्य इसे एक अध्यात्मिक घटना मानते हैं।
मंदिर की विशेषताएं
लटकता हुआ खंभा- मंदिर में एक खंभा है जो जमीन से थोड़ा ऊपर उठा हुआ है।
जटिल नक्काशी- मंदिर की दीवारों, खंभों और छत पर बारीक नक्काशी की गई है।
चित्रकला- विजयनगर शैली की चित्रकला, वस्त्र और आभूषणों का सुंदर चित्रण है।
देवी-देवताओं की मूर्तियां- मंदिर में वीरभद्र, पार्वती, गणेश, नटराज और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।
कछुए की आकृति- मंदिर कुरमा सेलम की पहाड़ियों पर कछुए की आकृति में बना है।
अन्य मंदिर
मंदिर परिसर में विष्णु और शिव को समर्पित अन्य मंदिर भी हैं।
मंदिर का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि रामायण काल में इसी जगह पक्षीराज जटायू माता सीता को बचाते हुए गिरे थे। उन्हें उठने के लिए भगवान राम ने 'ले पक्षी' कहा था, जिसके कारण इस मंदिर का नाम लेपाक्षी पड़ा। मंदिर का नाम "लेपाक्षी" पड़ने के पीछे एक स्थानीय कहावत भी है, जिसमें कहा जाता है कि एक राक्षस एक गाय की पूंछ से खींचकर उसे यहां तक लाया था। इसी कारण उस मंदिर का नाम लेपाक्षी पड़ा।
लेपाक्षी मंदिर का महत्व
1. धार्मिक महत्व
भगवान वीरभद्र को समर्पित, भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
2. वास्तुशिल्प महत्व
अपनी अनूठी वास्तुकला और नक्काशी के लिए जाना जाता है।
3. कलात्मक महत्व
विजयनगर चित्रकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।