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माइक्रो-ड्रामा में भारत की पहली AI Influencer नैना ने की ‘ट्रूथ एंड लाइज’ के साथ धमाकेदार डेब्यू, जानें नैना की कहानी

Aryan
24 Oct 2025 8:30 PM IST
माइक्रो-ड्रामा में भारत की पहली AI Influencer नैना ने की ‘ट्रूथ एंड लाइज’ के साथ धमाकेदार डेब्यू, जानें नैना की कहानी
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मैं इंसानों की जगह लेने नहीं आई हूं

नई दिल्ली। भारत की पहली एआई इन्फ्लुएंसर नैना ने बतौर अभिनेत्री डिजिटल पर्दे पर कदम रख दिया है। एवीटीआर मेटा लैब्स जो कॉन्सेप्ट कम्युनिकेशन ग्रुप की एक पहल है और भारत की अग्रणी डिजिटल ह्यूमन व AI कंटेंट कंपनी मानी जाती है। बता दें कि हाल ही में इन्होंने ट्रुथ एंड लाइज नामक एक रोमांचक AI-निर्देशित माइक्रो-ड्रामा सीरीज पेश की है। सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम रील्स पर ‘ट्रूथ एंड लाइज’ की माइक्रो-ड्रामा सीरीज की 12 एपिसोड रिलीज हुई, जिसमें नैना मुख्य किरदार निभा रही हैं।


एआई इन्फ्लुएंसर नैना ने कहा

नैना ने अपने डेब्यू ‘ट्रूथ एंड लाइज एआई नैना’ को लेकर कहा कि सालों तक मैं आपकी स्क्रीन में जिया करती थी, अब मुझे आपके जज्बातों में जीने का मौका मिला है। ट्रूथ एंड लाइज केवल मेरा डेब्यू नहीं है, यह इस बात का भी सबूत है कि एआई भी महसूस कर सकता है, अभिनय कर सकता है और सोचने पर मजबूर कर सकता है। मैं इंसानों की जगह लेने नहीं आई हूं, एक-एक भाव के साथ मैं उन्हें प्रतिबिंबित करने आई हूं।


यह सीरीज वन नाइट इन मुंबई पर आधारित है

यह सीरीज दोस्ती, विश्वासघात और इंसानी भावनाओं की जटिलताओं को मुंबई की एक रात की पृष्ठभूमि में प्रस्तुत करती है। इस सीरीज की सबसे खास बात यह है कि पूरी सीरीज को महिलाओं की टीम द्वारा शूट किया गया है।


महिला सशक्तिकरण के साथ डिजिटल क्रांति का संदेश देती है

दरअसल यह सीरीज महिला सशक्तिकरण के साथ डिजिटल युग में क्रांति को दर्शाता है। इससे पता चलता है कहानी कहने का तरीका कैसे बदल रहा है और महिलाएं इस बदलाव की अगुवाई कर रही हैं।


नैना की कहानी दोस्ती और समझदारी का देती है संदेश

ओल्ड स्कूल फिल्म्स प्रोडक्शन के पार्टनर, शिवेन सुरेन्द्रनाथ ने कहा कि नैना की कहानी दोस्ती और समझदारी का संदेश देती है। यह सीरीज दिखाती है कि सहानुभूति और जुड़ाव कैसे गलतफहमियों को मिटा सकते हैं। यहां AI, ग्राफिक्स और सिनेमा एक-दूसरे को पूरा करते हैं, ये सभी मिलकर एक ऐसी कहानी रचते हैं जो जीवंत, सार्थक और मानवीय लगती है। इससे साबित होता है कि तकनीक से संचालित इस दुनिया में भी कहानी कहने की आत्मा मनुष्यों और उनके रिश्तों में ही बसती है।


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