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IndiGo संकट गहराया: पीएम मोदी ने खुद संभाली कमान, PMO सीधे सीईओ से कर रहा बात

DeskNoida
6 Dec 2025 9:29 PM IST
IndiGo संकट गहराया: पीएम मोदी ने खुद संभाली कमान, PMO सीधे सीईओ से कर रहा बात
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सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी को इंडिगो की मौजूदा स्थिति की पूरी जानकारी दी गई है और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) सीधे कंपनी के सीईओ पीटर एल्बर्स के संपर्क में है। PMO ने इंडिगो प्रबंधन से जल्द से जल्द परिचालन सामान्य करने के निर्देश दिए हैं।

देश के निजी विमानन क्षेत्र की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अभूतपूर्व संकट का सामना कर रही है। लगातार दूसरे दिन उड़ानों की बड़े पैमाने पर रद्दीकरण के बाद हालात इतने गंभीर हो गए कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी को इंडिगो की मौजूदा स्थिति की पूरी जानकारी दी गई है और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) सीधे कंपनी के सीईओ पीटर एल्बर्स के संपर्क में है। PMO ने इंडिगो प्रबंधन से जल्द से जल्द परिचालन सामान्य करने के निर्देश दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, पीटर एल्बर्स ने सरकार से 10 दिनों का समय मांगा है ताकि कंपनी उड़ान संचालन को स्थिर कर सके। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) मानदंडों को शिथिल करने की मांग भी की है। इंडिगो का कहना है कि मौजूदा नियम काफी कठोर हैं और इसी कारण रोस्टर प्लानिंग तथा पायलट-क्रू की उपलब्धता पर असर पड़ा है।

शनिवार को भी जारी रहा संकट

कंपनी की समस्याएं शुक्रवार तक सीमित नहीं रहीं। शनिवार को इंडिगो ने 800 से अधिक घरेलू उड़ानें रद्द कर दीं। इससे शुक्रवार के मुकाबले स्थिति थोड़ी बेहतर दिखी, लेकिन यात्रियों की परेशानी जस की तस बनी रही। शुक्रवार को 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द होने के बाद एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी मच गई थी, और कई यात्रियों को टिकट रिफंड, रीबुकिंग और लगेज संबंधी शिकायतों से जूझना पड़ा।

हालांकि, इंडिगो ने बयान जारी कर कहा है कि कंपनी ग्राहकों को टिकट रिफंड और यात्रा से जुड़ी सभी समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल कर रही है। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर यात्रियों के अनुभव और शिकायतें लगातार वायरल होती दिख रही हैं।

DGCA से मिली थी बड़ी राहत

इंडिगो को नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने हाल ही में FDTL नियमों के दूसरे चरण से कुछ राहत दी थी। कंपनी ने सुरक्षा नियामक को बताया था कि नए नियमों के चलते क्रू रोस्टर, पायलट समय सारणी और मानव संसाधन प्रबंधन में उन्हें असाधारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। DGCA की ढील के बावजूद स्थिति सामान्य होने के आसार फिलहाल कम ही नजर आ रहे हैं।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया

इंडिगो संकट को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार सुबह कंपनी को स्पष्ट निर्देश जारी किए। मंत्रालय ने कहा कि रद्द उड़ानों के यात्री टिकट शुल्क की वापसी प्रक्रिया रविवार शाम तक हर हाल में पूरी की जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि जिन यात्रियों का सामान नहीं पहुंच पाया है, अगले दो दिनों में उन्हें डिलीवर कर दिया जाए।

मंत्रालय ने यह भी चेतावनी दी कि अगर कंपनी ने इन आदेशों का पालन नहीं किया, तो उसके खिलाफ तत्काल नियामक कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले से यह साफ संदेश गया है कि सरकार इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से देख रही है और यात्रियों की असुविधा बर्दाश्त नहीं करेगी।

आगे क्या?

इंडिगो भारतीय विमानन उद्योग की रीढ़ मानी जाती है, जिसका बाजार में बड़ा हिस्सा है। ऐसे में इसके परिचालन का प्रभावित होना न सिर्फ यात्रियों को, बल्कि पूरे सेक्टर को प्रभावित करता है। प्रधानमंत्री स्तर पर हस्तक्षेप यह दर्शाता है कि संकट का दायरा व्यापक है और जल्द समाधान अनिवार्य हो गया है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या इंडिगो प्रबंधन 10 दिनों में स्थितियों को सामान्य कर पाता है, या फिर यह संकट आगे और गहराता है।

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