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10,000 साल बाद फटा इथियोपिया का ज्वालामुखी, UAE जा रही इंडिगो फ्लाइट डायवर्ट; क्या हुआ आगे?

इथियोपिया में रविवार को एक ऐसा प्राकृतिक विस्फोट देखने को मिला जिसने वैज्ञानिकों और दुनिया भर के विमानन क्षेत्र को चौंका दिया। लगभग 10,000 साल से शांत पड़ा हेली गुब्बी ज्वालामुखी अचानक शक्तिशाली विस्फोट के साथ फट पड़ा। इस विस्फोट से उठा राख का विशाल गुबार करीब 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया, जिसके कारण हवाई यातायात पर बड़ा असर पड़ा है। इस घटना के चलते कन्नूर से अबू धाबी जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 1433 को तत्काल डायवर्ट करना पड़ा।
पहली बार दर्ज हुआ इतना बड़ा विस्फोट
खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इथियोपिया के अफार क्षेत्र में स्थित यह ढाल संरचना वाला ज्वालामुखी (Shield Volcano) हेली गुब्बी इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी सक्रियता के साथ फटा है। यह क्षेत्र पृथ्वी के सबसे कठिन और गर्म इलाकों में शामिल माना जाता है और यहां औसत तापमान 50°C तक पहुंच जाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार यह क्षेत्र दानाकिल डिप्रेशन में आता है, जहां पहुंचना बेहद कठिन है, इसलिए ज्वालामुखी विस्फोट की जानकारी और पुष्टि सीधे सैटेलाइट डेटा के माध्यम से हुई।
सैटेलाइट तस्वीरों से बढ़ा खतरे का स्तर
टूलूज स्थित ज्वालामुखी राख सलाहकार केंद्र (VAAC) द्वारा सैटेलाइट की मदद से पता चला कि राख का घना बादल लाल सागर पार कर यमन और ओमान की ओर बढ़ रहा है। इस राख में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड और सूक्ष्मकणों के कारण अरब देशों में एयर क्वालिटी अलर्ट जारी किया गया है।
विमानन विशेषज्ञों के अनुसार, ज्वालामुखीय राख इंजन को गंभीर नुकसान पहुंचाती है क्योंकि इंजन की गर्मी से राख पिघलकर सिलिका ग्लास में बदल जाती है, जिससे इंजन फेल होने का खतरा होता है। इसी कारण, कई उड़ानों के रूट बदले गए।
इंडिगो फ्लाइट के डायवर्जन से अलर्ट
इंडिगो की फ्लाइट 6E 1433 को सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अहमदाबाद में लैंड कराया गया। एयरलाइन ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और राख के क्षेत्र से उड़ान भरना जोखिमभरा हो सकता था।
वैज्ञानिकों के लिए रहस्य और चुनौती
वैश्विक ज्वालामुखी कार्यक्रम के अनुसार, हेली गुब्बी ज्वालामुखी का अंतिम विस्फोट होलोसीन काल (10,000 वर्ष पहले) में हुआ था। इस अचानक सक्रियता ने वैज्ञानिकों के लिए कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
हालांकि गतिविधि अब कम हो रही है, लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ज्वालामुखी की अगली सक्रियता या आफ्टर-इवेंट्स का अनुमान लगाना फिलहाल मुश्किल है।




