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Iran Israel war: ट्रम्प की एंट्री, बजी विश्व युद्ध की घंटी... तीन परमाणु ठिकानों पर भारी हमले के बाद ईरान ने कहा- अमेरिका ने खतरनाक युद्ध की शुरुआत कर दी

नई दिल्ली। ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी बी-2 स्पिरिट बमवर्षक विमानों ने मिसौरी से लगभग 37 घंटे तक बिना रुके उड़ान भरी और हमला किया। वहीं इस हमले से पहले स्टील्थ बमवर्षक विमानों में बीच हवा में ईंधन भरा गया। इसके बाद ये विमान तीन प्रमुख ईरानी परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फाहान पर कहर बनकर टूटे।
भारी किलेबंद भूमिगत सुविधा का जिक्र किया
बता दें कि हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि फोर्डो खत्म हो गया है। उन्होंने भारी किलेबंद भूमिगत सुविधा का जिक्र किया है। जिसे लंबे समय से तेहरान का सबसे सुरक्षित परमाणु स्थल माना जाता है। उन्होंने मिशन की अद्भुत सफलता को सराहा और ईरान को चेतावनी दी कि उन्हें तुरंत शांति स्थापित करनी चाहिए अन्यथा उन्हें फिर से हमला झेलना पड़ेगा।
एक सप्ताह तक जारी संघर्ष के बाद हुआ
बंकर-बस्टर बमों और टॉमहॉक मिसाइलों के संयोजन से किए गए हमले वर्षों में ईरान के खिलाफ सबसे प्रत्यक्ष अमेरिकी सैन्य कार्रवाई थी। ट्रंप ने कहा कि फोर्डो पर छह बंकर-बस्टर बम गिराए गए और लगभग 30 टॉमहॉक मिसाइलों ने अन्य परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। पेंटागन ने भी पुष्टि की है कि हमले में बी-2 बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया गया था, जो इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और एक सप्ताह तक जारी संघर्ष के बाद हुआ है।
अमेरिका ने ईरान के खिलाफ खतरनाक युद्ध की शुरुआत की
बता दें कि हमले के बाद ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर अमेरिका ने खुद ईरान के खिलाफ एक खतरनाक युद्ध की शुरुआत कर दी है। वहीं मंत्रालय ने आज एक विस्तृत बयान जारी कर कहा कि दुनिया को यह नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिका ने एक चल रही राजनयिक प्रक्रिया के बीच इजराइल जैसे जनसंहारक और कानूनविहीन शासन का समर्थन कर कूटनीति के साथ विश्वासघात किया है।
रेडिएशन स्तर में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की
दरअसल, ट्रंप के पूरी तरह तबाह कर देने वाले दावे के कुछ घंटों बाद IAEA ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी जिससे क्षेत्रीय परमाणु खतरे की आशंकाओं को फिलहाल के लिए खारिज किया गया है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था IAEA ने पुष्टि की है कि अमेरिका द्वारा ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज जैसे प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के बावजूद अब तक किसी भी स्थान पर रेडिएशन स्तर में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई है।