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क्या मछली कह रही है आएगा प्रलय? चेन्नई में मछुआरे को डूम्सडे फिश मिलने से मचा हड़कंप, जानें क्यों

Aryan
9 Oct 2025 8:30 PM IST
क्या मछली कह रही है आएगा प्रलय? चेन्नई में मछुआरे को डूम्सडे फिश मिलने से मचा हड़कंप, जानें क्यों
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जबसे मछुआरों के हाथ ये मछली लगी है तबसे इलाके में सनसनी फैल गई है।

चेन्नई। तमिलनाडु के चेन्नई से एक हलचल मचा देने वाली खबर सामने आ रही है। दरअसल चेन्नैई के रामनाथपुरम जिले के पम्बन के मछुआरे ने एक दुर्लभ मछली पकड़ी है। हालांकि मछुआरे ने उस मछली को जब गौर से देखा तो हैरान रह गये। मछुआरे मछली को देखकर डर गए क्योंकि वह डूम्सडे फिश थी। बता दें कि यह वही मछली है जिसे प्रलय लाने वाली मछली भी कहा जाता है। जबसे मछुआरों के हाथ ये मछली लगी है तबसे इलाके में सनसनी फैल गई है।

डूम्सडे फिश मिलने से लोगों में छाया डर का माहौल

जानकारी के अनुसार, मछुआरे मछली पकड़ने के बंदरगाह रामेश्वरम से निकले मन्नार की खाड़ी से लौट रहे थे, तभी अचानक उन्हें यह अनोखी मछली मिल गई। जब मछुआरे अपना सामान छांट रहे थे उस समय उनकी नजर एक चमकदार, लम्बी मछली पर पड़ी, उसका वजन लगभग 6 किलोग्राम था। इस मछली के मिलने की वजह से लोगों में डर का माहौल छा गया है। बता दें कि इससे पहले भी तमिलनाडु में यह मछली देखी

गई थी।

साधारणतया 3300 फीट गहरे पानी में रहती है डूम्सडे फिश

डूम्सडे फिश का वैज्ञानिक नाम रीगलेकस ग्लेस्नी है। इसे दुनिया की सबसे लंबी बोनी फिश में से एक माना जाता है। साधारणतया यह मछली समुद्र करीब 3300 फीट की गहराई में रहती है। इस कारण इसे देख पाना कठिन होता है। इसे प्रलय लाने वाली मछली कहते हैं। इसका शरीर एकदम बर्फ की तरह उजला दिखाई देता है और नीचे का भाग एकदम लाल नजर आता है।

मई माह में भी आई थी नजर

बता दें कि मई माह में भी तमिलनाडु के मछुआरों ने 30 फुट लंबी ओरफिश पकड़ी थी। लेकिन इस साल पहली बार प्रलयकारी मछली देखी गई थी। इसे पकड़े हुए सात लोगों ने इसकी तस्वीर खींची, जिससे चिंता का दौर शुरू हो गया। कई लोगों ने इस घटना को आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से जोड़कर देखा। हालांकि उसके बाद तमाम ऐसी प्राकृतिक घटनाएं भी घटित हुई थीं।

गौरतलब है कि डूम्सडे फिश को प्रलयकारी मछली इसलिए कहा जाता है कि जब-जब जापानी समुद्री तट के आसपास मछुआरों के जाल में यह मछली फंसी है या फिर बहकर किनारे पर आई, तब-तब भूकंप, सुनामी या प्राकृतिक आपदा आई है। ऐसे में लोग सोच रहे हैं कि जब कोई भीषण आपदा आने वाली होती है, तो यह मछली सतह पर आ जाती है।


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