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5 साल बाद शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा, जानें इस बार पैदल चलने की नौबत क्यों कम आएगी

Anjali Tyagi
21 May 2025 5:10 PM IST
5 साल बाद शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा, जानें इस बार पैदल चलने की नौबत क्यों कम आएगी
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इस बार की यात्रा में कुल 5561 यात्रियों ने पंजीयन कराया था। जानें रूट, पंजीकरण और नियम के बारे में

नई दिल्ली। एक बार फिर से पांच वर्ष बाद जून से भारतीय तीर्थयात्री मानसरोवर की यात्रा पर जा सकेंगे। इस बारे में चीन और भारत के बीच पहले से ही बनी सहमति के बाद विदेश मंत्रालय ने लॉट्री सिस्टम के जरिए सौभाग्यशाली यात्रियों के नामों की घोषणा की। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि जून से अगस्त के बीच 50-50 यात्रियों के 5 जत्थे रवाना होंगे। कोविड और भारत-चीन संबंधों के चलते 2019 में यह यात्रा बंद कर दी गई थी। इसे फिर शुरू करने की सहमति अक्टूबर 2024 में बनी थी। दोनों मार्ग काफी हद तक कार से जाने लायक बना दिए गए हैं, इसलिए यात्रियों को बहुत ही कम यात्रा पैदल करनी होगी।

पंजीकरण और नियम

इस बार की यात्रा में कुल 5561 यात्रियों ने पंजीयन कराया था। जिसमें 4024 पुरूष और 1537 महिलाएं थी। इसमें से 750 यात्रियों का चयन किया गया है। बता दें कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्द्धन सिंह ने चयनित यात्रियों के नाम लॉट्री सिस्टम के जरिए निकाले। जानकारी के मुताबिक लॉट्री प्रणाली कंप्यूटर आधारित है, जो पूरी तरह से पारदर्शी है। चयनित यात्रियों को उनका चयन स्थिति की सूचना Sms और ईमेल के माध्यम से दी जा रही है।

दो मार्गों से कराई जाएगी इस बार यात्रा

बता दें कि इस बार यात्रा दो मार्गों से कराई जाएगी। जिसमें-

लिपुलेख दर्रा- इस मार्ग से यात्रा की अवधि 22 दिन होगी। इसमें 50 यात्रियों के 5 जत्थे भेजे जाएंगे।

नाथू ला दर्रा- इस मार्ग से यात्रा की अवधि 21 दिन होगी। इसमें 50 यात्रियों के 10 जत्थे शामिल होंगे।

5 साल बाद शुरू हो रही मानसरोवर यात्रा

साल 2019 के बाद कोविड और भारत-चीन संबंधों के खराब होने की वजह से कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद कर दी गई थी। लेकिन फिर से इसे शुरू करने की सहमति अक्टूबर, 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात में हुई। तब दोनों देश आपसी तनाव को समाप्त करने को सहमत हुए थे । इसके बाद जब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक हुई थी तब कैलाश मानसरोवर को फिर से शुरू करने पर अंतिम फैसला हुआ था।

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