Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य समाचार

Kashi Vishwanath: श्री काशी विश्वनाथ धाम इस तारीख से होगा प्लास्टिक मुक्त, दरबार में भक्तों से की जाएगी खास अपील...

Aryan
31 July 2025 1:40 PM IST
Kashi Vishwanath: श्री काशी विश्वनाथ धाम इस तारीख से होगा प्लास्टिक मुक्त, दरबार में भक्तों से की जाएगी खास अपील...
x
प्लास्टिक अंडरग्राउंड नालियों में फंस जाती है, उसके बाद कई बार नालियां जाम हो जाती है

वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ बाबा भोलेनाथ का एक बहुत ही प्रसिद्ध दरबार है। यहां लाखों में श्रद्धालुओं की भीड़ भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए उमड़ती है। बाबा विश्वनाथ के दरबार में हमेशा ही भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। अब ऐसे में बाबा विश्वनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं से खास अपील की जाएगी, कि वो मंदिर में प्लास्टिक की टोकरी समेत कुछ लेकर न आएं।

श्रीकाशी विश्वनाथ बनेगा प्लास्टिक मुक्त

श्री काशी विश्वनाथ धाम में 11 अगस्त से प्लास्टिक पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। यहां पर मंदिर में प्लास्टिक ले जाना या इससे बनी हुई टोकरी ले जाने पर पूर्ण तरह रोक लगाई जाएगी और भक्तों से खास अपील की जाएगी की मंदिर में इस तरह का सामान लेकर प्रवेश न करें। आने वाली 11 अगस्त से काशी विश्वनाथ पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त हो जाएगा।

सीईओ विश्वभूषण ने कहा

विश्व के प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण ने कहा कि मंदिर में आने वाले सभी भक्त जूट और लकड़ी से तैयार की गई टोकरी का ही उपयोग करें। मंदिर के अंदर कोई भी भक्त प्लास्टिक की बोतल लेकर प्रवेश कर जाते हैं। इसके साथ ही पॉलिथीन में प्रसाद फूल ले जाते हैं। उसके बाद पॉलिथीन परिसर में फैला हुआ होता है। ऐसे में मंदिर में गंदगी फैल जाती है। जिसकी वजह से सफाई में बहुत परेशानियां उठानी पड़ती है।

प्लास्टिक से पर्यावरण को नुकसान हो रहा

मंदिर में फेंके जाने वाली प्लास्टिक इधर-उधर फैली रहती है। जिसकी वजह से यहप्लास्टिक अंडरग्राउंड नालियों में फंस जाती है, उसके बाद कई बार नालियां जाम हो जाती है। इससे परेशानियां बढ़ जाती है। इन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण की सुरक्षा के मुताबिक मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि अब इसके बाद मंदिर में किसी भी प्रकार की प्लास्टिक या फिर प्लास्टिक से तैयार की गई टोकरियां पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। प्लास्टिक का मंदिर में प्रवेश वर्जित किया जाएगा। जिससे पर्यावरण को ना नुकसान पहुंचे और अन्य समस्याएं भी उत्पन्न ना हो।


Next Story